ट्रेड यूनियनांे और संयुक्त किसान मोर्चा ने किया नई श्रम संहिताओं का विरोध

Haridwar News
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तनवीर


बुधवार को करेंगे विरोध प्रदर्शन
हरिद्वार, 25 नवम्बर। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के केन्द्रीय आह्वान पर ट्रेड यूनियनो ने हाल ही में लागू की गयी चार श्रम संहिताओं को श्रमिक विरोधी बताते हुए 26 नवम्बर को विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। भेल सेक्टर-3 स्थित इन्टक कार्यालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए एटक के प्रान्तीय अध्यक्ष एमएस त्यागी एवं संचालन कर रहे राजबीर सिह ने कहा कि लागू की गयी श्रम संहिताओं का शुरू से ही विरोध और 26 हजार रूपए मासिक न्यूनतम वेतन दिए जाने व पूर्व मे लागू श्रम कानूनो को जारी रखने की मांग की जा रही थी।

लेकिन केन्द्र सरकार ने ट्रेड यूनियनों और मजदूरो के विरोध की अनदेखी करते हुये उद्योगपतियो को लाभ पहुचानें के उद्देश्य से बनाये गये चार लेबर कोड लागू कर दिये हैं। जिससे श्रमिकों को पूर्व के कानूनो में दिये सुरक्षा कवच को छीन लिया गया है। नये श्रम कानूनों में न तो न्यूनतम वेतन की गणना का कोई आधार दिया गया है तथा प्रतिदिन प्रति घन्टे प्रति महीने और पीस रेट पर न्यूनतम मजदूरी की दर तय करने का अधिकार राज्य केन्द्र सरकार के हाथों में देता है। काम के घन्टे भी सरकारों को निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। निश्चित अवधी के रोजगार को कानूनी रूप दे दिया गया है।

जिससे स्थाई रेाजगार समाप्त हो जायेगें। श्रम न्यायालय मात्र सलाहकार बोर्ड बन कर रह जायेगे। उनके द्वारा दिये गये कोई आदेश मानने के लिये सेवायोजक बाध्य नही होगा । श्रमिकों को संगठन बना कर अपने अधिकारों की रक्षा करने व यूनियन बनाने को कठिन बना दिया गया है। जो श्रमिको के लोकतान्त्रिक अधिकारो पर हमला है। पुराने कानून हर सैक्टर के विशेष कार्य दशाओं, समस्याओं एवं मुद्दो को ध्यान में रखते हुये बनाये गये थे। नये लेबर कोड में सभी सैक्टरो के लिये एक ही मॉडल रखा गया है।

कोड कवरेज को कम करके असंगठित क्षेत्र के अधिकांश श्रमिको को कवरेज से बाहर कर दिया गया है। जिससे ठेका प्रथा को बढावा मिलेगा। बैठक में नए श्रम कानूनों के विरोध में भेल फाउंड्री गेट पर विरोध प्रदर्शन व श्रम संहिताओं का पुतला दहन और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में राजबीर सिंह, रामयश सिंह, ए.के दास, एम.एस. त्यागी, महेंद्र जखमोला, पी.डी. बड़ोनी, मुकुल राज, रविंद्र कुमार, प्रशान्त दीप गुप्ता, विकास सिंह, रवि कश्यप, नईम खान, परमाल सिंह, अमृत रंजन, अजीत सिंह, राजकिशोर, अवधेश कुमार, सत्यवीर सिंह, अशोक चौधरी, रजनीश कुमार, प्रेमचंद, हंसराज कटारिया, अशोक शर्मा सहित सिडकुल के श्रमिक एवं किसान यूनियन प्रतिनिधि शामिल रहे।

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