तनवीर
हरिद्वार, 18 नवम्बर। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने शहरी क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए, वायु प्रदूषण ननयंत्रण टॉवर (एपीसिटी) के प्रोटोटाइप को स्वदेशी रूप से विकसित तथा तैयार किया है। इस एपीसिटी को नोएडा प्रशासन के सहयोग से पायलट परियोजना के रूप में नोएडा में स्थापित किया गया है।
इस पहल के साथ, बीएचईएल इस क्षेत्र में स्थानीय निवासियों, कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों के स्वास्थय में सुधार के लिए, प्रदूषण के विरुद्ध लडाई में नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलकर काम कर रहा है। एपीसिटी का उद्घाटन केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डा.महेंद्र नाथ पांडेय ने नोएडा में सांसद, लोकसभा और पूर्व केंद्रीय मंत्री, डा.महेश शर्मा सांसद, राज्यसभा, सुरेंद्र सिंह नगर विधायक, पंकज सिंह बीएचईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डा.नलिन सिंघल सीईओ नोएडा श्रीमती ऋतु माहेश्वरी बीएचईएल बोर्ड के निदेशकों तथा बीएचईएल और नोएडा प्राधिकरण के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थित में किया।
इस अवसर पर डा.महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि यह प्रसन्न्ता का विषय है कि बीएचईएल ने नोएडा प्रशासन के साथ मिलकर वायु प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय स्तर पर पहल की है। उद्योग और प्रशासन के बीच ऐसे सक्रिय सहयोग से वायु प्रदूषण से निपटा जा सकता है। डा.पांडेय ने कहा यह एपीसिटी पूर्ण रूप से स्वदेशी है जो कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को भी सफल बनाता है।
इस उत्पाद की लागत कम है। यह अच्छी बात है। मुझे विश्वास है कि बीएचईएल के इंजीनियर इस उत्पाद को बेहतर बनाने और इसकी लागत को और कम करने के लिए अधिक काम करेंगे, ताकि जहां भी वायु प्रदूषण की समस्या है, वहां ऐसे कई टॉवर लगाए जा सकें।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेष रूप से सर्दियों में वायु प्रदूषण की समस्या से ग्रस्त होता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक गिर जाता है, जो स्थानीय लोगों के स्वास्थय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। बीएचईएल के कॉपोरेट अनुसंधान एवं विकास प्रभाग ने इसे डिजाइन और विकसित, हेवी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट प्लांट हरिद्वार ने विनिर्मित और पावर सेक्टर एनआर, नोएडा ने इस एपीसिटी को स्थापित किया है। यह एपीसिटी अपने धरातलीय स्तर के माध्यम से प्रदूषित हवा को खींचता है।
टावर में स्थापित फिल्टर वायु के प्रदूषक तत्वों को सोख लेते हैं। इसके बाद टावर के ऊपरी हिस्से से स्वच्छ हवा निकलती है। सोखे गए प्रदूषक तत्वों को समयानुसार निपटान के लिए एपीसिटी के तल पर हॉपर में एकत्र किया जाता है। बीएचईएल का हरिद्वार स्थित प्रदूषण नियंत्रण अनुसंधान संस्थान एक वर्ष तक एपीसिटी के प्रदर्शन का अध्ययन करेगा।