तनवीर
उत्तराखंड की संस्कृति परंपराएं एवं जीवन शैली प्रकृति के साथ जुड़ी: डॉ बत्रा
हरिद्वार 8 नवंबर। एसएमजेएन महाविद्यालय में शनिवार को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य में मनाई जा रही कार्यक्रम श्रृंखला में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत पर एक निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमे छात्राओं ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को अपने शब्दों में प्रष्ठों पर उकेराद्य इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुनील बत्रा ने बताया कि उत्तराखंड की संस्कृति परंपराएं तथा जीवन शैली प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ी हुई है यह प्रदेश न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है बल्कि इसकी सांस्कृतिक विरासत भी अत्यंत समृद्ध और अनोखी है।
इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ संजय माहेश्वरी ने बताया कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत इसकी पहचान है यहां के लोग प्रकृति परंपरा और तथा आध्यात्मिकता से गहराई से जुड़े हुए हैं तथा इस विरासत को सुरक्षित रखना हम सबका परम कर्तव्य है। कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर पदमावती तनेजा ने बताया कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत जो इसकी विविध परंपराओं, त्योहारौ तथा कलाओं से परिलक्षित होती है राज्य की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार बीएससी की प्रेरणा, द्वितीय पुरस्कार बीकॉम की आकांक्षा, तृतीय पुरस्कार बीए की संध्या तथा सांत्वना पुरस्कार बीकॉम की दिव्या नौटियाल तथा रीतिका भट्ट को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। उक्त प्रतियोगिता में डॉक्टर रेनू सिंह, डॉ अनुरीशा एवं डॉक्टर पुनीता शर्मा ने निर्णायक की भूमिका का निर्वाहन किया। इस अवसर पर डॉ. नलिनी जैन, डॉ विनय थपलियाल, डॉ विजय शर्मा, डॉ शिव कुमार चौहान, डॉ मनोज सोही, डॉ लता शर्मा, डॉ मोना शर्मा, डॉक्टर पल्लवी राणा, डॉ सरोज शर्मा, डॉ गौरव अग्रवाल, विनीत सक्सेना, डॉ पूर्णिमा सुंद्रियाल, यादवेंद्र सिंह, दीपिका आनंद, अंजलि, पंकज भट्ट, डॉ मनीषा पांडे, प्रिंस क्षोत्रीय, संदीप, निशांत, मयूरी, भूमिका, नेहा गुप्ता, गीतिका, नैना, शिखा, आदि उपस्थित रहे।


