ब्यूरो
हरिद्वार, 24 मई। दरिद्र भंजन महादेव मंदिर कनखल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने सभी से गौसेवा करने का आह्वान किया। शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण भी गौ सेवक थे। जब तक भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन में रहे तब तक उन्होंने चरण पादुका धारण नहीं की। एक बार मैया यशोदा ने कृष्ण से कहा कि तुम नंगे पैरों गौ चारण के लिए वन में जाते हो। तुम्हारे पैरों में कंकड़ पत्थर कांटे चुभ जायेंगे। इसलिए तुम चरण पादुका पहन लो। तब कृष्ण ने मैया यशोदा से कहा कि मैया मेरी गौ माता नंगे पैर चलती है।
यदि तुम मेरी गौमाता को भी चरण पादुका पहनाओ तो मैं भी चरण पादुका पहन लूंगा। मैया यशोदा और नंद बाबा के पास नौ लाख गौ माता थी। ना ही मैया यशोदा नौ लाख गौ माता को चरण पादुका पहना पाई और ना ही कन्हैया ने चरण पादुका धारण की। शास्त्री ने बताया कि कृष्ण ने हमेशा गौमाता को अपना इष्ट और आराध्य मान कर सेवा की। गौ माता के भीतर तेतीस कोटि देवी देवताओं का वास है। गौमाता की सेवा से सभी देवी देवताओं की सेवा का पुण्य प्राप्त होता है।
मुख्य यजमान रीतेश गुप्ता, मुकेश गुप्ता, योगेश गुप्ता, गणेश गुप्ता, डीके गुप्ता, मुख्य पुजारी पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री, आशु गुप्ता, देव गुप्ता, अर्जुन गुप्ता, करण गुप्ता, सुभाषचंद्र गुप्ता, हरिप्रसाद गुप्ता, सुनील अग्रवाल, सतीश अग्रवाल, अमित गुप्ता, नीरज शर्मा, विमल गुप्ता, अमलेश गुप्ता, प्रवेश गुप्ता, टीटू गुप्ता, मिंटू गुप्ता, गिरीशचंद्र गुप्ता, बॉबी गुप्ता, महेशचंद गुप्ता, देवेन्द्र गुप्ता, तारादेवी गुप्ता, निर्मल गुप्ता, रेनू गुप्ता, मोनिका गुप्ता, भावना गुप्ता, गीता अग्रवाल, गुड़िया गुप्ता, रजनी अग्रवाल, पंडित राजेंद्र प्रसाद, पंडित कैलाशचंद्र पोखरियाल, पंडित नीरज कोठरी, पंडित रमेश गोनियाल आदि ने भागवत पूजन किया।