शिव आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता-स्वामी भास्करानंद

Dharm
Spread the love

अमित वालिया


हरिद्वार, 20 जुलाई। भूपतवाला स्थित जगदीश स्वरूप आश्रम में आयोजित शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज ने बताया कि भगवान शिव की पूजा, रूद्र मंत्रों का जाप व भगवान शिव के निमित्त उपवास से मोक्ष और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। कथाव्यास स्वामी भास्करानंद महाराज ने कहा कि शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नही रहता। भगवान भोलेनाथ अपने हर भक्त की पुकार सुनते हैं। लेकिन अपनी भक्ति पर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। एक बार नारद को अपनी भक्ति पर अभिमान हो गया और तीनों लोकों में जाकर अपनी भक्ति का गुणमान करने लेगा। सबसे पहले ब्रह्मदेव ने उन्हें ऐसा करने से मना किया। महादेव शिव ने भी उन्हें अपनी प्रशंसा करने के प्रति सचेत किया। लेकिन नारद नहीं माने। जब भगवान विष्णु का इसका पता चला तो उन्होंने नारद की परीक्षा लेने के लिए अपनी माया के बल पर एक नगर बसाया। कैलाश से लौट रहे नारद मायानगरी को देखकर आश्चर्यचकित हो गए और राजा से मिलने मिलने नगरी में पहुंच गए। कथाव्यास ने बताया कि राजा की पुत्री को देखकर नारद ने कहा कि इसे तीनों लोकों में सर्वश्रेष्ठ वर मिलेगा। मार्ग में उन्हें अनूभूति हुई कि तीनों लोकों में सर्वश्रेष्ठ तो मै ही हूं और भगवान विष्णु के पास पहुंचकर उनसे रूपवान बनाने की प्रार्थना की। भगवान विष्णु से तथास्तु का वरदान प्राप्त कर नारद स्वंयर में पहुंच गए। लेकिन राजा की पुत्री ने भगवान विष्णु द्वारा रचित राजा के गले में वरमाला डाल दी। इस पर नारद क्रोधित हो गए और कहने लगे कि मुझमें क्या कमी है। इस पर शिवगणों ने उन्हे बताया कि एक बार अपनी छवि देख लें। आप मनुष्य नहीं बंदर हैं। इस पर उन्होंने भगवान विष्णु को पत्नि वियोग में दुखी होने का श्राप दे दिया। इसके पश्चात त्रेता युग में भगवान विष्णु को राम के रूप में माता सीता का वियोग सहना पड़ा। कथा के मुख्य जजमान दर्शन लाल गर्ग, अनीता गर्ग, विक्रांत गर्ग, श्रेया गर्ग, साहिल गर्ग, मीनाक्षी गर्ग, सैफी गुप्ता, भगवान दास गुप्ता, पुष्पा देवी, पर्व गर्ग, वंश गर्ग ने शिव महापुराण का पूजन कर कथाव्यास से आशीर्वाद लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *