पुण्यतिथि पर संत समाज ने किया साकेत वासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज को नमन

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राकेश वालिया


त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
गुरू परंपरांओं को आगे बढ़ाते हुए सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार ही उद्देश्य-श्रीमहंत विष्णुदास

हरिद्वार, 29 अप्रैल। साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज की पुण्य तिथी पर श्रवणनाथ नगर स्थित श्री गुरू सेवक उछाली आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष श्री रामानन्दीय वैष्ण मण्डल के अध्यक्ष श्रीमहंत विष्णुदास महाराज के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज को भावभानी श्रद्धांजलि अर्पित की कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति एवं धर्म संस्कृति के महान विद्वान संत थे।

श्रीमहंत विष्णुदास महाराज सौभाग्यशाली है कि उन्हें गुरू के रूप में श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज जैसे विलक्षण संत का सानिध्य प्राप्त हुआ है। साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज के दिखाए मार्ग पर चलते हुए धर्म और मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। जगतगुरू स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए जीवन समर्पित करने वाले साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज के शिष्य श्रीमहंत विष्णुदास महाराज अपने गुरू के दिखाए मार्ग पर चलते हुए उनके अधूरे कार्यो को जिस प्रकार पूरा कर रहे हैं। उससे युवा संतों को प्रेरणा लेनी चाहिए और धर्म और अध्यात्म के प्रचार में योगदान करना चाहिए।

भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज एवं महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि श्रीमहंत विष्णुदास महाराज की अपने गुरू साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज के प्रति भक्ति व निष्ठा सभी के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा गुरू की कृपा से ही शिष्य को उच्च मुकाम प्राप्त होता है। उपस्थित संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव साकेत वासी श्रीमहंत नरसिंह दास महाराज से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए संत समाज के आशीर्वाद से गुरू परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए समाज को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देना और सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है।

श्रीमहंत विष्णुदास, महंत प्रेमदास, महंत प्रमोद दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत गोविंदास एवं आश्रम के ट्रस्टीयों ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, जगतगुरू स्वामी अयोध्याचार्य महाराज, स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी ललितानंद गिरी, महंत जसिवन्दर सिंह, महंत दामोदर दास, स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती, महंत दयाराम दास, महंत रघुवीर दास, बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी भगवत स्वरूप, स्वामी प्रेमानंद सरस्वती, स्वामी अनंतानंद, स्वामी चिदविलासानंद, सतपाल ब्रह्मचारी, महंत अरूण दास, स्वामी सत्यव्रतानंद, महंत सूरजदास, स्वामी शिवम महाराज, महंत निर्मल दास, स्वामी हरिहरानन्द, महंत दिनेश दास, महंत गोविंददास, स्वामी कृष्णदेव, अशोक तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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