भगवान शिव का प्रसाद ग्रहण करने से होता है कल्याण-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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ब्यूरो
श्री दरिद्र भंजन भागवत परिवार की और से कनखल स्थित श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान शिव का प्रसाद ग्रहण करने से जीव का कल्याण होता है। भगवान शिव के प्रसाद के दर्शन करने मात्र से ही भगवान शिव की कृपा से समस्त कष्ट नष्ट हो जाते हैं। कई लोगों का मानना है कि भगवान शिव का प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए। परंतु शिव महापुराण में वर्णन मिलता है कि ज्योतिर्लिंग स्वयंभू लिंग नर्वदेश्वर महादेव आदि का प्रसाद ग्रहण किया जा सकता है। परंतु जो साधारण लिंग होते हैं एवं जो स्वयं निर्मित पार्थिव लिंग होते है।ं उनका प्रसाद नहीं ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि इन पर चंड़ एवं वीरभद्र का अधिकार होता है। शिव परंपरा से जुड़े भक्तां को अवश्य ही भगवान शिव का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। शास्त्री ने बताया कौन जो प्रसाद शिव लिंग पिंडी से स्पर्श हो, उस प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। लेकिन जो शिवलिंग पर चढ़कर शालिग्राम से स्पर्श हो गया हो वह प्रसाद अमृत तुल्य होता है। इस प्रसाद को ग्रहण करने समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। तृतीय दिवस की कथा में शास्त्री ने शिव सती चरित्र का श्रवण कराया। मुख्य यजमान पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री, रिचा शर्मा, किरन शर्मा, पंडित राजेंद्र शर्मा, पंडित रमेश गोनायल, पंडित नीरज कोठारी, कुलदीप कृष्ण चौहान, तुषार, जगदीश, पंडित कैलाश चंद्र, मारुति आदि ने भागवत पूजन किया।

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