तनवीर
हरिद्वार, 19 जनवरी। प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम से महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश के नेतृत्व मे संतों का जत्था भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए रवाना हुआ। इस दौरान संत-महापुरूषों का सामाजिक, राजनीतिक और कई संगठनांे ने स्वागत किया।
इस दौरान जत्थे को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश ने कहा की पांच सौ वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद ये एतिहासिक दिन आ रहा है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है और जो लोग या संत इसका विरोध कर रहे है ये वो ही है जिन्होंने भगवान राम के मन्दिर का विरोध किया है और अब जब भगवान टेंट से अपने भव्य और दिव्य मंदिर मे विराजमान होने जा रहे है तो इनको पीड़ा हो रही है। कई माताओ की कोख ख़ाली हो गई, कितनो के मांग का सिन्दूर उजड़ गया, कितनी बहनों के भाई चले गए, इतने बड़े-बड़े त्याग और तपस्या के बाद ये दिन आया है सब को इसका स्वागत करना चाहिए।
इस दौरान प्रदेश संगठन मंत्री विहीप अजय आर्य ने कहा कि विहिप और देश के अनेक लोगांे ने अपने प्राणों की आहुति दी है तब जाकर भगवान को अपना घर मिला है और देश और धर्म विरोधी लोग आज राम मन्दिर का विरोध कर रहे है। देश की जनता और भगवान इनको कभी माफ़ नही करेंगे। उन्होंने कहा की पूज्य संतों के आशीर्वाद और तपस्या से ही ये सपना पूरा हुआ है।
प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय व्यापार मण्डल संजीव चौधरी ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन मंे अनेक कार सेवकों का बलिदान हुआ है और संतों के महान तप से ही भगवान अपने घर विराजमान होने जा रहे है। स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश स्वयं उस समय प्रचारक के रूप में कार्य करते हुए इस महान आंदोलन में शामिल रहे है ऐसे ही अनेक संतों और देश की वीरों ने अपना सब समर्पण किया तब जाकर ये भव्य और दिव्य मन्दिर बनने का सपना पूरा हुआ है।
जत्थे में मुख्य रूप से बड़ा अखाड़ा से गोविन्द दास, राघवेंद्र दास, प्रेमानन्द, जयेन्द्र मुनि, वरुण यति, महामण्डलेश्वर मैत्री गिरी व साध्वी गंगा दास आदि अनेक संत शामिल रहे।
स्वागत करने वालों मे पूर्व विधायक संजय गुप्ता, प्रदेश प्रमुख सेवा विभाग विहिप अनिल, भारतीय प्रदेश प्रवक्ता भाजपा सुनीता विद्यार्थी, सचिन चहल, अरविन्द कुमार, पुष्पेंद्र गुप्ता व संजीव कुमार आदि शामिल रहे।
इस दौरान जत्थे को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश ने कहा की पांच सौ वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद ये एतिहासिक दिन आ रहा है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है और जो लोग या संत इसका विरोध कर रहे है ये वो ही है जिन्होंने भगवान राम के मन्दिर का विरोध किया है और अब जब भगवान टेंट से अपने भव्य और दिव्य मंदिर मे विराजमान होने जा रहे है तो इनको पीड़ा हो रही है। कई माताओ की कोख ख़ाली हो गई, कितनो के मांग का सिन्दूर उजड़ गया, कितनी बहनों के भाई चले गए, इतने बड़े-बड़े त्याग और तपस्या के बाद ये दिन आया है सब को इसका स्वागत करना चाहिए।
इस दौरान प्रदेश संगठन मंत्री विहीप अजय आर्य ने कहा कि विहिप और देश के अनेक लोगांे ने अपने प्राणों की आहुति दी है तब जाकर भगवान को अपना घर मिला है और देश और धर्म विरोधी लोग आज राम मन्दिर का विरोध कर रहे है। देश की जनता और भगवान इनको कभी माफ़ नही करेंगे। उन्होंने कहा की पूज्य संतों के आशीर्वाद और तपस्या से ही ये सपना पूरा हुआ है।
प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय व्यापार मण्डल संजीव चौधरी ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन मंे अनेक कार सेवकों का बलिदान हुआ है और संतों के महान तप से ही भगवान अपने घर विराजमान होने जा रहे है। स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश स्वयं उस समय प्रचारक के रूप में कार्य करते हुए इस महान आंदोलन में शामिल रहे है ऐसे ही अनेक संतों और देश की वीरों ने अपना सब समर्पण किया तब जाकर ये भव्य और दिव्य मन्दिर बनने का सपना पूरा हुआ है।
जत्थे में मुख्य रूप से बड़ा अखाड़ा से गोविन्द दास, राघवेंद्र दास, प्रेमानन्द, जयेन्द्र मुनि, वरुण यति, महामण्डलेश्वर मैत्री गिरी व साध्वी गंगा दास आदि अनेक संत शामिल रहे।
स्वागत करने वालों मे पूर्व विधायक संजय गुप्ता, प्रदेश प्रमुख सेवा विभाग विहिप अनिल, भारतीय प्रदेश प्रवक्ता भाजपा सुनीता विद्यार्थी, सचिन चहल, अरविन्द कुमार, पुष्पेंद्र गुप्ता व संजीव कुमार आदि शामिल रहे।