कमल खड़का
हरिद्वार, 25 जून। पैंतालीस वर्ष पूर्व देश में लगाए गए आपातकाल के विरोध में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए चंद्राचार्य चैक पर कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्य जैविक उत्पाद परिषद के उपाध्यक्ष और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ठाकुर सुशील चैहान ने कहा कि कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी ने आज ही के दिन लोकतांत्रिक व्यवस्था दरकिनार करते हुए देश में इमरजेंसी लगाई थी। वह दिन लोकतंत्र के लिए काला धब्बा है। रातों-रात सरकार और कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष करने वाले जनसंघ के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
भाजपा के जिला महामंत्री विकास तिवारी ने कहा कि आज से ठीक 45 वर्ष पूर्व देश में कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोटा था। प्रेस के अधिकार सीज कर दिए गए थे और उस समय जन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जय प्रकाश नारायण सहित आपातकाल का विरोध कर रहे तत्कालीन जनसंघ के नेता अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी और भैरव सिंह शेखावत जैसे नेताओं को भी नजर बंद कर दिया गया था। कोई भी व्यक्ति अपने किसी समस्या को लेकर न्यायालय में नहीं जा सकता था।
आज के युवाओं को कांग्रेस और उनके नेताओं के चरित्र और उनकी सत्यता को समझना चाहिए। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनु कक्कड़ व शहरी विकास मंत्री के प्रतिनिधि अनिल पुरी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए देश पर इमरजेंसी थोपने का लोकतंत्र विरोधी कात किया था। भाजपा के मंडल अध्यक्ष राजकुमार अरोड़ा और वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था।
आपातकाल और प्रतिबंध के विरुद्ध हुए सत्याग्रह में एक लाख से भी अधिक स्वयंसेवकों ने गिरफ्तारी दी थी। देश पर आपातकाल थोपे जाने से आक्रोशित जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। इंदिरा गांधी स्वयं चुनाव हार गयी थी। प्रदर्शन करने वालों में भाजपा कनखल मंडल अध्यक्ष मयंक गुप्ता, तरुण नैयर, मृदुल कौशिक, संजना शर्मा, पार्षद राजेश शर्मा, निशा पुंडीर, संजय पुंडीर, आभा शर्मा, श्रेय तलवार, विशाल खैरवाल, अनमोल बिरला, विजयपाल, प्रदीप मेहता, अनिल पुरी, राहुल शर्मा, प्रीतकमल सारस्वत, राकेश नौटियाल, मोनिका सैनी, हरिओम मल्होत्रा, राघव गुप्ता, तृप्ता शर्मा, सविता यादव, हैदर नकवी, सुभाष सैनी, नमन गोस्वामी, विभोर बंसल आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।