तनवीर
हरिद्वार, 23 जुलाई। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज के काय चिकित्सा विभाग द्वारा अग्नि व्यापार विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथी पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण, उत्तर प्रदेश आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं के निदेशक प्रो.एस.एन सिंह, उत्तराखण्ड आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं के निदेशक प्रो.अरूण कुमार त्रिपाठी, काय चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष एवं आयोजन समिति के सचिव प्रो.डा.ओपी सिंह, इंडिया आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो.धर्मवीर, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा.सुनील कुमार जोशी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
सेमिनार को संबोधित करते हुए आचाय बालकृष्ण ने अग्नि का महत्व बताते हुए आयुर्वेद के सिद्धांतो को सिद्ध करने हेतु अनुसन्धान करने की आवश्यकता जताई और कहा कि इसके लिए पतंजलि विश्वविद्यालय सफलता पूर्वक प्रयासरत है। प्रो.एस.एन.सिंह ने जनमानस के स्वास्थ्य लाभ हेतु आयुर्वेद पद्धति को प्रचार प्रसार पर जोर दिया। प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए समअग्नि का महत्व है। जीवन है तो अग्नि है। शरीर अग्नि समाप्त होने पर जीवन समाप्त हो जाता है। इसलिए स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अग्नि महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर धर्मवीर एवं प्रो. सुनील कुमार जोशी ने आयुर्वेद सिद्धांत अग्नि व्यापार विषय के सेमिनार की ई सौविनयर लांच की और अग्नि के महत्व पर प्रकाश डाला।
आयोजन समिति के सचिव प्रो.डा.ओ.पी.सिंह ने सेमिनार में 578 चिकित्सक व आयुर्वेदिक चिकित्सा के छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। विभिन्न सत्रों में सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। सेमिनार के पहले दिन विभिन्न सेशन के अंतर्गत 7 गेस्ट लेक्चर, 70 पेपर प्रेजेंटेशन, और 70 पोस्टर प्रेजेंटेशन किये गये।
मंच संचालन डा.संजय त्रिपाठी, डा.श्वेता शुक्ला और डा.नितिन शर्मा ने सयुंक्त रुप से किया। कार्यक्रम में प्रो.पंकज शर्मा, प्रो.आर.बी. सती, प्रो.वी.डी.अग्रवाल, प्रो.एस.एन. सिंह, प्रो.अरुण त्रिपाठी, प्रो.राजेंद्र प्रसाद, डा.ऋजु अग्रवाल, डा.रमाकांत यादव, डा.संजय कुमार त्रिपाठी, डा.शोभित कुमार वाष्र्णेय, डा.वेद भूषण शर्मा, डा.राजीव कुरैले, डा.विनीत कुमार अग्निहोत्री तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।