डायबिटीज से बचाव के लिए अपनाएं नियंत्रित खान-पान व जीवनशैली: डा.शाह

Haridwar News
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शमशेर बहादूर ‘बम’

हरिद्वार, 14 नवम्बर। ‘‘तेजी से बढ़ते डायबिटीज रोगियों की संख्या पर हम जीवनशैली में थोड़ा बदलाव कर काबू पा सकते हैं। डायबिटीज का मुख्य कारण गलत जीवनशैली, असंयमित खानपान, अनियंत्रित नींद, मोटापा, शारीरिक मेहनत न करना, मानसिक तनाव, वसा, चीनी या बहुत ज्यादा कैलरी वाला खानपान है। एक सर्वे के अनुसार इस समय देशभर में लगभग 7 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रस्त हैं।

इस वर्ष की थीम ‘‘डायबिटीज केयर तक पहुंच है: यदि अभी नहीं, तो कब’’ यानि हमारी जागरूकता ही डायबिटीज पर नियंत्राण पा सकती है।’
‘विश्व मधुमेह दिवस’ पर डा.संजय शाह, चेयरमैन, रिसर्च सोसायटी फाॅर द स्टडी आॅफ डायबिटीज इन इंडिया उत्तराखंड ने बताया कि ‘देश में कोरोना के कारण विगत डेढ़ वर्ष में मधुमेह रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। यह भी देखने में आया है कि जिनको मधुमेह था, उनको ज्यादा गंभीर संक्रमण हुआ। अधिकांश मरीजों में बीमारी के दौरान शुगर की मात्रा भी बहुत बढ़ी।

आरएसएसडीआई के आह्वान पर पूरे देशभर में गत माह ‘वन नेशन वन डे वन मिलियन’ अभियान के तहत एक दिन में लगभग दस लाख से भी अधिक लोगों की निःशुल्क शुगर की जांच की गयी, जो एक रिकार्ड भी है।’
डायबिटीज को नजरअंदाज करने पर हार्ट की बीमारी या स्ट्रोक, अंधपन या रेटिनोपैथी, किडनी का खराब होना और पैरों की समस्या तक उत्पन्न हो सकती है। डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है और कोशिशएं क्षतिग्रस्त होती हैं।

जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे धमनी में रुकावट आ सकती है या हार्ट अटैक हो सकता है। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। रक्त में सामान्य से अधिक शूगर का स्तर शरीर के कई अंगों जैसे गुर्दे, आंखों, हृदय आदि को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
डायबिटीज के लक्षण जिसमें कि बहुत प्यास लगना, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना, अचानक वजन का कम होना, बहुत भूख लगना, लगातार पेशाब आना, अचानक शरीर पर घाव बनना और इसे ठीक होने में समय लगना, धुंधला दिखाई देना, त्वचा में रूखापन और खुजली आदि प्रमुख हैं।
स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हास्पिटल के वरि.सलाहकार एवं चिकित्सक संजय शाह ने बताया कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कम कर देती है। हेल्दी खाएं, शारीरिक मेहनत करें, वजन कंट्रोल मंे रखें, वाॅकिंग और व्यायाम करें। मधुमेह की रोकथाम का प्रबल व सबसे अच्छा इलाज शारीरिक व्यायाम है। जागरूकता से इस जानलेवा बीमारी पर नियंत्राण पाया जा सकता है।
स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हास्पिटल के निदेशक कर्नल डा.प्रवीण रेड्डी ने बताया कि सोसायटी द्वारा इस समय उत्तराखंड मे दस चिकित्सालयो का संचालन किया जा रह है। जो कि अत्याध्ुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। इसका लाभ उन जरूरतमंदों को मिल रहा है कि जो अभी तक चिकित्सा सुविधाओं से महरूम थे। स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी द्वारा संचालित हास्पिटल इस पर्वतीय क्षेत्रा के दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के स्वास्थ्य लाभ की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से समय-समय पर कैंप लगाये जा रहे हैं।

इन कैंपों में वरिठ विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी एक धर्मार्थ स्वास्थ्य सेवा संस्था है। जिसकी स्थापना सितंबर 2012 में हुई थी। इसकी स्थापना का प्रयोजन उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आए हुए सभी तीर्थ यात्रियों, ग्रामीणों एवं वनवासी क्षेत्रों में निर्धन वंचित व जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा व अन्य सामाजिक सहायता उपलब्ध कराना है। पिछले कुछ वर्षों से देखा गया है कि डायबिटीज धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रो में पैर पसार रही है। कैंप के माध्यम से लोगों को उनके खान-पान के साथ ही सकारात्मक जीवनशैली के प्रति भी जागरूक करते हैं।

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