अखाड़े की छवि को धूमिल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा-महंत जसविन्दर सिंह 

Haridwar News
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राकेश वालिया

हरिद्वार, 17 दिसंबर। कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट से जुड़े निर्मल भेख के संतों के आरोपों का श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने खण्डन करते हुए इसे अखाड़े व श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह की छवि को धूमिल करने का प्रयास करार दिया है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि आरोप लगा रहे संतों को अखाड़े से कोई संबंध नहीं है। पूर्व में भी इनके द्वारा अखाड़े पर कब्जा करने का प्रयास किया जा चुका है।

जिसे प्रशासन व संत समाज के सहयोग से विफल कर दिया गया था। अखाड़े की छवि को धूमिल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नेतृत्व में कई कुंभ संपन्न हो चुके हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व सभी तेरह अखाड़े श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह को मान्यता देते हैं। अखाड़े में अगले वर्ष होने वाले कुंभ की तैयारियां की जा रही हैं। कशमीर सिंह भूरी वाले गुट से जुड़े तथाकथित संत तैयारियों में विघ्न उत्पन्न करने के लिए दुष्प्रचार कर अखाड़े के अध्यक्ष की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशाासन को इन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष व एक सम्मानित संत हैं। उन पर झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने के लिए अखाड़े की ओर से मानहानि का मुकद्मा दर्ज कराया जाएगा। जहां तक कुंभ निधि से अखाड़े में होने वाले सौन्दर्यकरण व निर्माण कार्य प्रशासन की देखरेख में शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अनर्गल आरोप लगा रहे लोग गृहस्थ जीवन से जुड़े हैं। जिन्हें भगवा वस्त पहनाकर षड़यंत्रण के तहत लाया गया है।

महंत अमनदीप सिंह महाराज ने आरोपों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि संत के वेश में भूमाफिया व असामाजिक तत्व अखाड़े की पंरपरांओं को प्रभावित करने की नीयत से प्रपंच रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना वजह विवाद उत्पन्न कर माहौल खराब रहे तथाकथित संतों के खिलाफ प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की आगामी बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए फर्जी संतों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराया जाएगा। अखाड़े की मान मर्यादा को खराब नहीं होने दिया जाएगा। इस दौरान महंत खेमसिंह, महंत बाबू सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत सुखमन सिंह आदि मौजूद रहे।

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