हताशा के दौर में पर्यटन व्यवसायी

Haridwar News
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अमरीश

कर्मचारियों को वेतन और यात्रियों को रिफंड देने का भी संकट

हरिद्वार, 18 अप्रैल। कोरोना वायरस ने हरिद्वार के ट्रैवल कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी है। लाॅकडाउन के चलते ट्रैवल कारोबारी की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डगमगा गई है। टूर आॅप्रेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक अहलूवालिया ने मांग की है कि राज्य सरकार उत्तराखंड के पर्यटन कारोबारियों के साथ ट्रैवल एजेंसियों के कर्मचारियों लिए भी आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा करें। इसके अलावा कैंसिल हुई चारधाम यात्रा बुकिंग की रिफंड राशि को लौटाने के लिए कम से कम 18 महीनों का वक्त देते हुए पॉलिसी भी तैयार करें। टूर आॅप्रेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक अहलूवालिया ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते हरिद्वार के ट्रैवल कारोबारी भी गंभीर आर्थिक समस्या का सामना कर रहे हैं। बैंक कर्ज और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए धन की कमी आड़े आ रही है। वाहनों का बीमा और तमाम अन्य खर्चो को लेकर भी संकट बना हुआ है। संयुक्त सचिव अजीत कुमार ने कहा कि उत्तराखंड पूरी तरह से पर्यटन पर टिका हुआ है।

इससे लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी है। लेकिन कोरोना के प्रभाव से पर्यटन कारोबार को जो हानि हुई है। पर्यटन व्यवसाय किस प्रकार से पटरी पर आयेगा।  इसको लेकर सरकार ने अभी तक पॉलिसी स्पष्ट नही की है। कार्यकारिणी सदस्य अरविंद खनेजा ने कहा कि लॉक डाउन खुलने के अभी कोई आसार नही है। अगर लॉक डाउन खुल भी गया तो पर्यटक नही निकलेंगे। पूरे देश में कोरोना का संकट है जिसके चलते लोग यात्रा करने के बजाए अपने घरों में रहना ही उचित समझेंगे। ऐसी स्थिति में पर्यटन कारोबार पर पूरी तरह आश्रित लोगों के सामने रोजी रोटी का गंभीर संकट खड़ा होना तय है।

कारोबार नहीं चलने पर वाहन चालकों, होटल कर्मचारी, वेटर व इस व्यवसाय से जुड़े तमाम कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी धन की भारी कमी होगी। इन समस्याओं से किस प्रकार निपटा जाएगा ये अभी तक साफ नही है। अरविंद खनेजा ने वाहन चालकों के लिए प्रतिमाह 10 से 15 हजार का आर्थिक पैकेज देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मई जून के दौरान चारधाम यात्रा से जो आजीविका चलती थी वो अब पूरी तरह से खत्म हो गई है। पर्यटन कारोबारी हताशा में है। सरकार को इनकी सुध लेकर कोई ठोस नीति बनानी होगी। जिससे पर्यटन कारोबारी अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा कर सकें।

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