आयुर्वेद को प्रतिष्ठा दिलाने में आचार्य बालकृष्ण का अहम योगदान-स्वामी रविदेव शास्त्री

Haridwar News
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कमल खडका

हरिद्वार, 23 अगस्त। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज व महंत अरूणदास महाराज ने पतंजलि पहुंचकर आचार्य बालकृष्ण शास्त्री महाराज से शिष्टाचार भेंट की। भेंटवार्ता के दौरान स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि आयुर्वेद के माध्यम से आचार्य बालकृष्ण समाज व देश की सेवा कर रहे हैं। भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को पूरे विश्व में पुनः प्रतिष्ठा दिलाने में आचार्य बालकृष्ण का अहम योगदान है। असाध्य रोगों का इलाज करने में भी आयुर्वेद पूरी तरह कारगर है। आचार्य बालकृष्ण के प्रयासों के चलते आयुर्वेद को देश विदेश में एक नई पहचान मिली है।

एलोपैथी के दुष्प्रभावों के चलते पूरी दुनिया आयर्वेद को अपना रही है। योग व आयुर्वेद के माध्यम से जटिल से जटिल रोगों का उपचार संभव है। इसे पंतजलि योगपीठ ने सिद्ध कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि योग व आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के अलावा पतंजलि युवा पीढ़ी का संस्कारवान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। महंत अरूणदास महाराज ने कहा कि आयुर्वेद का अपार ज्ञान रखने वाले आचार्य बालकृष्ण महाराज देश की धरोहर हैं। आयुर्वेद के क्षेत्र में आचार्य बालकृष्ण की नित नयी खोजों से पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ा है।

दुष्प्रभाव रहित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से असाध्य रोगों का उपचार संभव हो रहा है। जिससे आम लोगों में देश की इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति के प्रति विश्वास बढ़ा है। पतंजलि व आचार्य बालकृष्ण के प्रयासों से आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग बढ़ा है। इससे आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में प्रयोग होने वाली जड़ी बूटियों का उत्पादन कर किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं। आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के चलते पूरे देश में लाखों लोगों को रोजगार मिला है। आचार्य बालकृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि आयुर्वेद की मान्यता को पुनःप्रतिष्ठित करने में पतंजलि परिवार के सभी सदस्यों का योगदान है।

ऋषि मुनियों द्वारा प्रतिपादित आयुर्वेद के ज्ञान से आमजन का स्वास्थ्यवर्द्धन करना ही उनका उद्देश्य है। इस कोरोना काल में पतंजलि द्वारा आयुर्वेदिक पद्धति से तैयार इम्यूनिटी बूस्टर कोरोनिल लोगों को इस महामारी से बचाने में कारगर सिद्ध हो रही है।

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