कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान से प्राप्त होता है अक्षय पुण्य-महामंडलेश्वर गर्व गिरि

Haridwar News
Spread the love

प्रमोद गिरि


हरिद्वार, 25 नवम्बर। बाबा वीरभद्र सेवाश्रम न्यास आश्रम कांगड़ी के परमाध्यक्ष जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि महाराज ने कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कार्तिक माह में भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा के बाद जागते हैं और सभी शुभ कार्यों को गति प्रदान की जाती है। इस माह में तुलसी जी का भी विवाह किया जाता है। स्वामी गर्व गिरि महाराज ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और मनुष्य के सभी संताप कष्ट दूर हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है और जीवन सुखमय बन जाता है। सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान भी किया जाता है। इसलिए इसे गंगा स्नान के नाम से भी जानते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाने मात्र से ही व्यक्ति के दुख -संकट सब दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है।

उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मनुष्य के सभी दुख और कष्ट दूर होते है। गंगा स्नान के बाद निर्बल गरीब बेसहारा लोगों को अन्न दक्षिणा दान करने से जीवन में सुख शांति समृद्धि आती है और संकट दूर हो जाते है और हरि कृपा का जीवन में संचार होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *