सर्तकता बरतने से बचा जा सकता है साईबर अपराध से-रीमा शाहिम

Crime Haridwar News
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एडवोकेट रीमा शाहिम

हरिद्वार, 11 नवम्बर। अधिवक्ता रीमा शाहिम ने साईबर अपराध से बचने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो साईबर अपराध से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि
महिलाएं और बुजुर्ग आसान शिकार महिलाएं एवं बुजुर्ग साइबर अपराधियों के आसान शिकार होते हंै। कुछ एक बातों पर ध्यान दें, तो इस मुसीबत से बचा जा सकता है।

एटीएम मशीन का अभ्यास बहुत अच्छे से करें, ताकि आपको किसी की मदद की जरूरत नहीं पड़े। यदि पड़े तो भी सिर्फ सुरक्षा गॉर्ड की मदद लें। एटीएम से निकली पर्चियों को इधर-उधर ना फेंके। पैसे निकालते समय कोशिश करें कि आप मशीन पर अकेले हों और कोई आपके पिन को ना देखे। महिलाएं अपने फोटो व जानकारियों को सोशल साइट्स पर ना डालें। मिस्ड कॉल्स, अनजान लिंक्स व पोर्न साइट्स को टालें। बैंक से फोन आने पर कुछ भी जानकारी शेयर ना करें, बल्कि बैंक जाकर सारी बातें स्पष्ट करें। यदि किसी के साथ कोई साइबर फ्राड होता है है तो तुरंत उसकी सूचना 155260 पर दें। उत्तराखंड पुलिस तुरंत उस पर संज्ञान लेगी
बदलते रहें पासवर्ड
साइबर अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिए लोगों को स्वयं जागरूक होना होगा। लोगों को इसकी रोकथाम के लिए कुछ प्रभावी उपाय अमल में लाए जाने चाहिए। जैसे कि क्रेडिट कार्ड से खरीद की सीमा रखना, सिस्टम में एंटीवायरस लगवाना, अनचाहे लिंक्स पर क्लिक न करना। लोगों को फेसबुक, वॉट्सएप और ईमेल से आने वाले अनचाहे लिंक्स पर क्लिक नहीं करना चाहिए और अपना पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।
जरूरी है साइबर सुरक्षा
कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। डिजिटल भारत कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक साइबर सुरक्षा पर निर्भर करेगी। अतः भारत सरकार को इस क्षेत्र में तीव्र गति से कार्य करना होगा। लोगों को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हैकर्स ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाते हैं। सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक उपयोग हमें ऑनलाइन ठगी तथा साइबर अपराध के गंभीर खतरों से बचा सकता है। साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
सावधानी और गोपनीयता जरुरी
साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए जरूरी है कि जागरूक, सतर्क और सावधान रहें। यह अत्यंत आवश्यक है कि हम अपनी निजी जानकारी किसी के साथ भी साझा न करें। अपने बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम या फोन बैंकिंग पिन, कार्ड का सीवीवी नंबर, समाप्ति तिथि किसी से शेयर न करें। इसके साथ ही आसान पासवर्ड एवं पासवर्ड रिकवरी सेटिंग में ऐसे प्रश्नों को सम्मिलित न करें, जिसका आसानी से जवाब दिया जा सकता है। यदि किसी के साथ साइबर अपराध हो जाए, तो उसे तत्काल हेल्पलाइन नंबर एवं साइबर अपराध सेल में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
अपनी निजी जानकारी किसी से साझा न करें

कोरोना के दौर में ऑनलाइन खरीददारी में जहां बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। डिजिटल प्लेटफार्म पर सूचनाओं का प्रवाह करते समय बहुत अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है। जहां तकनीक ने हमारा जीवन सुविधा संपन्न बनाया है, वहीं दूसरी ओर सोशल साइट्स के माध्यम से हमारी निजी सूचनाओं को भी सार्वजनिक किया है। बड़ी आबादी अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑनलाइन साइट्स पर निर्भर है।

इसके कारण ऑनलाइन ठगी आज एक आम समस्या बन गई है। आए दिन जनता साइबर क्राइम का शिकार बन रही है। इस प्रकार की ठगी से तभी बचा जा सकता है, जब ऑनलाइन लेन-देन करते समय हम सतर्क और सावधान रहें। हमें सूचनाओं को सार्वजनिक करते समय भी सूझबूझ का परिचय देने की आवश्यकता है। बैंक निर्देशों का पालन करते हुए भी अपनी निजी जानकारियां साझा नहीं करनी चाहिए।

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