तनवीर
हरिद्वार, 26 दिसम्बर। अधिवक्ता अरविन्द शर्मा ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि ऋषिकुल पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आन्दोलन कर रही आम जनमानस पर पुलिस प्रशासन द्वारा मुकदमा किया जाना न्याय संगत नहीं है। मासूम बिटिया के साथ हुई दुष्कर्म की घटना समाज को कलंकित करने जैसी है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने के उद्देश्य से लोग मजबूरन अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा विरोध को दबाने की नियत से मुकदमे दर्ज किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी तो पुलिस ने पकड़ लिया लेकिन सह अपराधी 6 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस की मौजूदगी में सह अपराधी का भाग जाना पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। अरविन्द शर्मा ने कहा कि जन साधारण के खिलाफ प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई की कड़ी शब्दों की निंदा करता हूं। उन्हांेने कहा कि जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज किये गये उन लोगांें को हाईकोर्ट तक निःशुल्क सलाह उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को नैतिकता के आधार पर स्वयं ही दर्ज मुकदमों को वापस लेना चाहिए वरना अधिवक्तागण स्वयं इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं। फरार आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जायेगा।
मासूम बिटियां को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्तागण किसी भी प्रकार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि अन्य अधिवक्ताओं द्वारा भी लोगों पर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिये जाने पर इस आन्दोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिये तो निःशुल्क अधिवक्ता इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार है। समर्थन देने वालों में मुख्य रूप से एडवोकेट योगेश शर्मा, हाईकोर्ट के अधिवक्ता विवेक शुक्ला, एडवोकेट फुरकान अली, एडवोकेट अविनाश शर्मा, एडवोकेट प्रवीण चौहान, एडवोकेट संदीप शर्मा, एडवोकेट प्रफुल्ल शर्मा जनता के हितों की लड़ाई लड़ने पर अपनी सहमति जता रहे हैं।