श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन किया गोवर्धन पर्वत की महिमा का वर्णन

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अमरीश


गोवर्धन पर्वत के पूजन, दर्शन और परिक्रमा से नष्ट हो जाते हैं समस्त पाप-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री
हरिद्वार, 5 मई। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर्यनगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन की कथा सुनाते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने ब्रज मंडल में स्थित गोवर्धन की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि एक बार पुलस्त्य मुनि भ्रमण करते हुए द्रोणाचल पर्वत पर पहुंचे। वहां द्रोणाचल पर्वत के पुत्र गोवर्धन पर्वत को देख कर के पुलस्त्य मुनि के मन में आया कि गोवर्धन को काशी नगरी ले जाकर स्थापित किया जाए। द्रोणाचल पर्वत एवं गोवर्धन पर्वत दोनों ने विचार किया कि यदि पुलस्त्य मुनि की आज्ञा का पालन नहीं करते हैं तो वे श्राप दे देंगे।

गोवर्धन ने पुलस्त्य मुनि के सामने शर्त रखी कि आप जहां भी मुझे स्थापित करोगे। मैं वहां से आगे नहीं बढूंगा। पुलस्त्य मुनि ने गोवर्धन की इस शर्त को स्वीकार कर अपनी हथेली के ऊपर उसे धारण किया और आकाश मार्ग से काशी नगरी के लिए प्रस्थान किया। गोवर्धन ने जब ब्रज मंडल को देखा तो उसे स्मरण आया कि यहां तो मेरे प्रभु श्रीकृष्ण का प्राकट्य होने वाला है और मुझे कृष्ण लीला में सम्मिलित होना है। गोवर्धन ने अपना वजन बढ़ाया। पुलस्त्य मुनि शर्त को भूल गए और गोवर्धन को नीचे रखकर विश्राम करने लगे। विश्राम के बाद जब वे गोवर्धन को उठाने लगे तो गोवर्धन नहीं उठे। गोवर्धन ने कहा कि आपके और मेरे बीच जो शर्त हुई थी, उसे याद कीजिए। शर्त के अनुसार अब मैं यहीं रहूंगा और भगवान श्रीकृष्ण की लीला में सम्मिलित होउंगा।

यह सुनकर पुलस्त्य मुनि को क्रोध आ गया और गोवर्धन को श्राप दिया कि आज से तुम प्रतिदिन तिल मात्र घटते जाओगे। जिस दिन तुम्हारा अस्तित्व मिट जाएगा। उसी दिन महाप्रलय होगा। तभी से गोवर्धन प्रतिदिन तिल मात्र घट रहे हैं। गोवर्धन का यह समर्पण देखकर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन का पूजन किया और सभी ब्रज वासियों से भी गोवर्धन का पूजन कराया। श्रीकृष्ण ने कहा कि आज से जो गोवर्धन का पूजन, परिक्रमा और दर्शन करेगा।

उसके समस्त पाप नष्ट हो जाएंगे और वैकुंठ लोक का अधिकारी बन जाएगा। देवराज इंद्र ने भी गोवर्धन का पूजन एवं परिक्रमा की। इस अवसर पर मुख्य यजमान चेतन स्वरूप गुप्ता, योगेश कुमार गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता, लक्ष्मी गुप्ता, देव गुप्ता, दिव्यांशु गुप्ता, राकेश गुप्ता, प्रीति गुप्ता, मुदिता गुप्ता, गिरिराज गुप्ता, पद्मलता गुप्ता, मोहित गुप्ता, विमलेश गुप्ता, हेमलता रानी, रजनी गुप्ता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

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