नेपाल से हरिद्वार आए श्रद्धालुओं ने किया विश्व शांति महायज्ञ और महारूद्राभिषेक

Haridwar News
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राकेश वालिया


सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से समान हैं भारत और नेपाल-स्वामी रविदेव शास्त्री
हरिद्वार, 28 अगस्त। सावन के अंतिम सोमवार को नेपाल से हरिद्वार आए श्रद्धालुओं ने श्री गरीबदासीय आश्रम में स्वामी रविदेव शास्त्री के सानिध्य में विश्व शांति महायज्ञ और महारूद्राभिषेक का आयोजन किया। पंडित रामचंद्र, पंडित शिव प्रसाद व पंडित ओमप्रकाश के आचार्यत्व में 151 विद्वान ब्राह्मणों ने महायज्ञ और महारूद्राभिषेक संपन्न कराया।

इस दौरान सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने विश्व शांति महायज्ञ और महारूद्राभिषेक का आयोजन करने पर मुख्य यजमान काठमांडू निवासी कमल प्रसाद खरेल, सुशीला देवी खरेल को आशीर्वाद प्रदान किया। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से भारत और नेपाल में बहुत समानताएं हैं और प्राचीन काल से ही दोनों देशों के बीच अटूट संबंध रहा है। जिस प्रकार श्रद्धालु नेपाल से हरिद्वार आकर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। उससे भारत और नेपाल के रिश्ते और मजबूत होंगे।

उन्होंने कहा कि विश्व शांति की भावना से भगवान शिव के निमित्त महारूद्राभिषेक का आयोजन करने के लिए कमल प्रसाद खरेल और सुशीला देवी खरेल साधुवाद के पात्र हैं। आचार्य हरिहरानंद महाराज ने कहा कि सावन में भगवान शिव हरिद्वार में निवास कर सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में शिव कृपा से हरिद्वार के पावन गंगा तट पर संतों के सानिध्य में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों का कई गुणा पुण्य फल श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज एवं स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि भगवान शिव कल्याणकारी हैं और सदैव भक्तों का कल्याण करते हैं।

सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना और रूद्राभिषेक करने से परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। अनूप खरेल, सावित्री मैनाली, इन्दिरा पांडे, माधवराज पांडे, कमल कुमार कडेंल, पुरूषोत्तम, पुरूषोत्त्म न्यैपाने, सुशीला न्यैपाने, बलराम पौड़ेल सुभद्रा धिमिरे ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। इस अवसर पर महंत दिनेश दास शास्त्री, महंत योगेंद्रानंद, महंत कृष्ण गिरी, महंत ज्ञानानंद, महंत कृष्णदेव, महंत सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी कृष्ण दास, स्वामी केशवानंद, शिवम महंत सहित कई संत महापुरूष मौजूद रहे।

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