गौरव रसिक
हरिद्वार, 17 फरवरी। आर्यव्रत हाॅस्पिटल के चिकित्सक डा.अखिलेश सिंह ने युवाओं में बढ़ रही नशे की लत को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि नशा शरीर के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। युवा पीढ़ी को नशे के दुष्परिणामों से सचेत रहने की आवश्यकता है। नशे के खिलाफ एकजुटता दिखानी होगी। आज के परिवेश में युवा पीढ़ी एक दूसरे को देखकर नशे की लत का शिकार हो रही है।
नशे के परिणामों को ना समझते हुए नशे की लत में युवाओं का संलिप्त होना खतरनाक बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्मैक, चरस, गांजा, शराब का सेवन करने से शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। युवाओं की सोचने समझने की शक्ति भी कम हो रही है। अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध रखने के लिए बड़े पैमाने पर काम करने की आवश्यकता है।
नशे की लत के शिकार युवाओं की काउंसलिंग की जानी चाहिए। डा.अखिलेश सिंह ने कहा कि स्कूल कालेजों, सामाजिक संस्थाओं, समाज सेवियों को नशे के प्रति अपना कर्तव्य निभाना होगा। हरिद्वार के युवाओं के जीवन को बचाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। नशे के दुष्परिणामों से युवाओं को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को शारीरिक ही नहीं बल्कि आत्मिक रूप में भी कमजोर बनाता है।
नशे के आदि देश व समाज की प्रगति में योगदान करने के बजाए स्वयं के लिए ही समस्या बन जाते हैं। इसलिए युवा वर्ग को नशे से दूर रहना रहकर देश व समाज के विकास में योगदान करना चाहिए। अभिभावकों को भी अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों के साथ वक्त बिताना चाहिए।