तनवीर
हरिद्वार, 27 सितम्बर। इंडियन सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन द्वारा लखनऊ में उच्च रक्तचाप और इसकी जटिलताओं विषय पर आयोजित सम्मेलन में भाग लेकर लौटे भेल हाॅस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डा.बलवंत सिंह कुशवाहा ने बताया कि उच्च रक्तचाप से दुनिया की लगभग एक तिहाई वयस्क आबादी प्रभावित है। यह सभी ब्रेन स्ट्रोक के दो तिहाई, सभी इस्केमिक हृदय रोग के आधे, सभी हृदय विफलता के एक तिहाई और सभी क्रोनिक किडनी रोग के एक चैथाई के लिए जिम्मेदार है।
भारत में उच्च रक्तचाप बहुत कम उम्र में होता है। इसलिए कई युवा स्ट्रोक, सीएडी, दिल की विफलता और सीकेडी से पीड़ित होते हैं। कुशवाहा ने बताया कि अगर ब्लड प्रेशर 140/90 से ज्यादा है तो 1-2 महीने तक शारीरिक व्यायाम और खान-पान में बदलाव करने की कोशिश करें। यदि फिर भी रक्तचाप उच्च है तो शारीरिक व्यायाम और आहार संशोधन के साथ औषधि उपचार आवश्यक है।
ब्लड प्रेशर के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है और घर पर डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन रखने और नियमित रूप से निगरानी रखने की जरूरत है। डा.कुशवाहा ने बताया कि सम्मेलन में देश-विदेश के 400 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया।