तनवीर
हरिद्वार, 17 जनवरी। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को एक स्वतंत्र चिकित्सा पद्धति के रूप में पूर्ण शासकीय मान्यता देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आधीन फरवरी 2017 मे गठित की गई इंटर डिपार्टमेंटल कमेटी ने इलेक्ट्रोहोम्यापैथी मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दिए गए प्रपोजल्स का गहनता से परीक्षण तथा 6 मीटिंग आयोजित करने व दिये गये सात मानकों को एसोसिएशन द्वारा पूरा किये जाने के उपरांत 6 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद आईडीसी अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपने जा रही है। उक्त रिपोर्ट आने से भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को एक स्वतंत्र चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने व पूर्ण शासकीय मान्यता देने का रास्ता साफ हो गया है।
6 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद इस रिपोर्ट के आने से देश के लाखों चिकित्सकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है। इएमए के ज्वालापुर स्ािित केन्द्रीय कार्यालय से जारी विज्ञप्ति मे राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.केपीएस चौहान ने कहा कि देश में प्रचलित विभिन्न अन्य चिकित्सा पद्धतियों की भांति इलेक्ट्रोहोम्योपैथी काउंसिल बनने तथा इसके चिकित्सकों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं मे नियुक्ति मिलने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। हरिद्वार के चिकित्सकों ने इएमए के केन्द्रीय कार्यालय बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस ज्वालापुर के सभागार मे हर्ष बैठक आयोजित कर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त की तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.चैहान का सम्मान, धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हुए इसका श्रेय डा.चौहान को दिया।
आभार व्यक्त करने वाले चिकित्सकों में डा.ऋचा आर्य, डा.वीएल अलखानिया, डा.एनएस ताकुली (राष्ट्रीय महासचिव), संजय मेहता, सुनील अग्रवाल, अमर पाल अग्रवाल, नीलम भारती, गुलाम साबिर अशोक कुशवाहा, चांद उस्मान, रासिद अब्बासी, अर्सलान, आफाक, आदेश शर्मा, संदीप पाल, भूरा खान आदि शामिल रहे।