गौरव रसिक
जिला अध्यक्ष इरशाद अली के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने किया पदाधिकारियों का स्वागत
हरिद्वार, 2 जनवरी। भारतीय किसान यूनियन किसान उत्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह विर्क ने कहा कि किसानों के आंदोलन के आगे केंद्र सरकार को नतमस्तक होना पड़ा। लेकिन अभी भी किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हुई है। सरकार को जल्दी इस ओर ध्यान देना चाहिए। मांगे पूरी नहीं होने पर एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पकड़ेंगे। भारतीय किसान यूनियन किसान उत्थान के पदाधिकारी रविवार को हरिद्वार पहुंचे।
जिला अध्यक्ष इरशाद अली के नेतृत्व में सराय स्थित आशियाना होटल में सभी पदाधिकारियों का फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह विर्क ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को लगातार सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ा। इस दौरान किसानों पर अनेक आरोप लगाए गए। इसके बावजूद किसान आंदोलन पर डटे रहे।
नतीजा केंद्र सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। कार्यकारी अध्यक्ष बलवीर सिंह चीमा ने कहा कि आंदोलन के दौरान आठ सौ से ज्यादा किसानों को असमय काल का ग्रास बनना पड़ा। केंद्र सरकार को इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। किसान अपने हक की लड़ाई लड़ते हुए शहीद हुए हैं। सरकार को उनके परिजनों को उचित मुआवजा देना चाहिए।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष पंजाब बलवीर सिंह चीमा ने कहा कि किसानों के आंदोलन के सामने केंद्र आखिरकार सरकार को मानना पड़ा कि किसानों की समस्या का समाधान किसानों से बातचीत के बिना नहीं किया जा सकता। जिला अध्यक्ष इरशाद अली ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं। अन्नदाताओं के खिलाफ अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
देश का किसान एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। किसानों की एकता के चलते ही सरकार के सामने चुनौती खड़ी हो गई है। इसका लाभ भविष्य में किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा आने वाले विधानसभा चुनाव में जो भी पार्टी किसानों के हित में बात करेगी किसानों उसे अपना समर्थन प्रदान करेंगे। उन्हें कहा कि जनपद हरिद्वार में किसान संगठन को मजबूत बनाने का कार्य चल रहा है। जल्द ही ज्यादा से ज्यादा किसानों को संगठन के साथ जोड़ा जाएगा।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी पाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद आरिफ राजपूत, राष्ट्रीय सलाहकार चैधरी यशपाल सिंह, इरशाद अली, शाहनवाज शाह, मुकेश कुमार, डा.विजेंद्र, शिवम, जानकी नौटियाल, हाजी रईस अहमद, अब्दुल अजीज खान, शाहनवाज अली, राजेंद्र प्रसाद, शिवम चौधरी, अब्दुल रहीम, शाहिद, तसलीम सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।