कमल खडका
हरिद्वार, 13 अक्टूबर। एक महीने के लिए की जा रही गंगा बंदी को व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात बताते हुए प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल द्वारा अपर रोड़ पर सरकार व प्रशासन के विरूद्ध प्रशासन किया। प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष डा.नीरज सिंघल ने कहा कि हरिद्वार के व्यापार तथा व्यापारियों को समाप्त करने की साजिश चल रही है। लाॅकडाउन से पूर्व रेल बंदी, फिर कावड़ मेले पर प्रतिबंध, भूमिगत विद्युत व गैस पाईप लाईन, जीओ की भूमिगत लाईन के कथित विकास कार्यो ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी हैं।
छह माह बाद दुकानें खुलने पर अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों को परेशान करने के साथ एक महीने के लिए गंगा बंदी की जा रही है। गंगा बंदी करने से पूर्व सरकार व प्रशासन को व्यापारियों के साथ बैठक कर निर्णय लेना चाहिए। गंगा बंदी के एक तरफा निर्णय को स्वीकार नही ंकिया जाएगा।
जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने कहा कि गंगा बंदी करने से पूर्व सिंचाई विभाग व प्रशासन को व्यापार मण्डल के पदाधिकारिओं के साथ बैठक करनी चाहिए थी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि व्यापारियों की स्थिति को देखते हुए 30 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही गंगा बंदी घोषित की जाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुंभ कार्यो के नाम की जा रही गंगा बंदी की आड़ में करोड़ों रूपये का रेत, बजरी, बोल्डर ठिकाने लगा दिया जाएगा।
जिसका प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल पुरजोर विरोध करेगा। त्रिवाल ने कहा कि एक तरफ 15 अक्टूबर से ट्रेनें शुरू होने जा रही हैं। वही दूसरी ओर कुम्भ मेला प्रशासन ने गंगा बंदी कर दी है। जिससे त्यौहारी सीजन में कारोबार चलने की उम्मीद कर रहे व्यापारियों को नुकसान होना तय है। प्रशासन को निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए। प्रदर्शन करने वालो में दिनेश कुकरेजा, शोभित सिंघल, गोपालदास गोस्वामी, विशाल महेश्वरी, बिट्टू सांई, अतुल चैहान, अमन कुमार, महेन्द्र कुमार, सुनील कुमार, सूरज कुमार, सुरेश शाह, राजीव शर्मा, दीपक, महेश कुमार, संजीव सक्सेना, शुभम् चैहान, बाबू चैहान, पवन सुखीजा, नितेश कुमार आदि व्यापारी शामिल रहे।