अरविंद
हरिद्वार, 21 अगस्त। गंगा भजन आश्रम खड़खड़ी की परमाध्यक्ष एवं महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज व सुप्रसिद्ध कथाव्यास स्वामी सत्यदेव महाराज की गुरु माता महंत रामभजन माता के 117 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गयी। संत समाज एवं श्रद्धालुओं ने आश्रम पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका अंतिम संस्कार खड़खड़ी श्मशान घाट पर किया गया। महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज व कथाव्यास स्वामी सत्यदेव महाराज ने संयुक्त रूप से उन्हें मुखाग्नि दी।
महामंडलेश्वर स्वामी चिदविलासनन्द सरस्वती महाराज ने बताया कि ब्रह्मलीन महंत राम भजन माता कर्तव्यनिष्ठ और सनातन धर्म संस्कृति को समर्पित संत थी। उन्होंने आधुनिक युग को अपने जीवन में प्रवेश नहीं होने दिया
। जिसके फलस्वरूप वे 117 वर्ष की आयु भोग कर ब्रह्मलीन हुई। ब्रह्मलीन माता जी ने जीवन भर सेवा, समर्पण, कर्तव्यनिष्ठ सनातन धर्म का मार्ग बताया और श्रद्धालु भक्तों का कल्याण किया। ब्रह्मलीन महंत राम भजन माता को महामंडलेश्वर चिदविलासनन्द सरस्वती, भगवताचार्य रविदेव शास्त्री, डा.हरिहरानंद, महंत शुभम गिरि, स्वामी कृष्णानंद, महंत दिनेशदास, महंत प्रेमानन्द शास्त्री, स्वामी रामानन्द, स्वामी ज्ञानानन्द, महंत ऋषिशवरानंद, महंत स्वामी योगेंद्रानंद शास्त्री, महंत कृष्णदेव, महंत उमेशानंद, स्वामी विवेकानन्द, महंत मुकेशानन्द, महंत शिवम, साध्वी रमा देवी, महंत गोपाल गिरि, शुभम दास, डा.ज्योतिनानंद, महंत जीत सिंह, पूर्व सभासद बृजभूषण विद्यार्थी, डा. प्रेमप्रकाश सतेलवाल, पूर्व पार्षद अनिरुद्ध भाटी, पार्षद महावीर वशिष्ठ, कपिल शर्मा जौनसारी, मोहित महंत, महावीर महंत, रितेश गौड़, कुलदीप भाटी, अंकेश भाटी, चांद गिरि, सुभाष कपिल, ललित सचदेवा, पार्षद सूर्यकांत शर्मा, अनिल वशिष्ठ सहित सैकड़ों श्रद्धालु, शिष्यों, भक्तों, संतों-महंतों