तनवीर
हरिद्वार, 8 फरवरी। एस.एस.एम.जे.एन. काॅलेज में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के अन्तर्गत राजनीति विज्ञान विभाग तथा इतिहास विभाग द्वारा समान नागरिकता संहिता बिल पर एक समूह परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि समान नागरिकता संहिता प्रदेश को भविष्योन्मुखी बनाने के लिए एक सकारात्मक कदम है। यूसीसी बिल में महिला अधिकारों का विशेष ध्यान रखा गया है। जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण व इतिहास विभागाध्यक्ष डा.संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि समान नागरिकता संहिता वर्तमान समय की आवश्यकता है और भारत के समाज को आधुनिकता की ओर ले जाने का एक प्रयास है। राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल ने बिल के महत्वपूर्ण पहलुओं पर जानकारी देते हुए बताया कि यद्यपि कोई विधि सम्पूर्ण नहीं होती, क्योंकि संविधान एक जीवित दस्तावेज है। जोकि समय की मांग के अनुसार अपने आप को समायोजित करता रहा है। इसी आलोक में यूसीसी हमारे संविधान को सुदृढ़ करने का एक प्रयास है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि इस कानून में कोई विसंगति भी है तो वह न्यायिक पुनरावलोकन के लिए खुली है।
चिकित्सक डा.प्रदीप त्यागी ने कहा कि महिलाओं व पुरूषों के लिए विवाह की उम्र समान होनी चाहिए। प्रियांशी कुकरेजा, साक्षी राणा, तनुज बहुगुणा, तनीषा, रिया कश्यप, भावेश पंवार ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। इस अवसर पर डा.शिवकुमार चैहान, डा.मनोज कुमार सोही, डा.मोना शर्मा, डा.लता शर्मा, डा.विनीता चैहान, वैभव बत्रा, दिव्यांश शर्मा, डा. मिनाक्षी शर्मा, डा.विजय शर्मा, डा.अनुरिषा, डा.रेनू सिंह, डा.सरोज शर्मा, डा.पल्लवी राणा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।