बड़ी रामलीला में किया अशोक वाटिका, हनुमान रावण संवाद और लंका दहन लीला का मंचन
हरिद्वार, 29 सितम्बर। बड़ी रामलीला के रंगमंच पर रविवार की रात्रि अशोक वाटिका, हनुमान-रावण संवाद और लंका दहन की लीला का मंचन किया गया। लीला में दिखाया गया कि अहंकार व्यक्ति को किस प्रकार पतन और पराजय की ओर ले जाता है। रावण ने हनुमान के पिता पवन को अन्य देवताओं के साथ अपने कारागार में बंद कर रखा था। लेकिन सीता की खोज में लंका गए पवन पुत्र हनुमान ने रावण की सोने की लंका जलाकर उसका अभिमान चूर-चूर कर दिया।
रामलीला में दिखाया गया कि भगवान श्रीराम ने सुग्रीव के शिविर से हनुमान को सीता की खोज करने लंका भेजा। लंका में विभीषण ने हनुमान का मार्गदर्शन किया। हनुमान ने अशोक वाटिका पहुुचकर राम की मुद्रिका सीता को दी और सीता से चूड़ामणि लिया। हनुमान ने लंका में रावण को अपनी शक्ति का एहसास कराते हुए उससे सीता को वापस करने का सुझाव दिया और अनुरोध भी किया। लेकिन रावण को तो भगवान के हाथों अपनी मुक्ति का माध्यम सीता में ही दिखाई दे रहा था। इसलिए रावण ने रामदूत हनुमान को दंडित करने की योजना बनाई तो हनुमान ने पूरी लंका को ही जला दिया।
रामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र चड्ढा, ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील भसीन, दादा गुरु भगवत शर्मा मुन्ना, मंत्री रविकांत अग्रवाल, महाराज सेठ, कोषाध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, मंच संचालक, डा.संदीप कपूर, उपाध्यक्ष विनय सिंघल, कन्हैया खेवडिया, ऋषभ मल्होत्रा, विशाल गोस्वामी, दर्पण चड्ढा, राहुल वशिष्ठ, सुनील वधावन, विकास सेठ, पवन शर्मा, नीरज भसीन, महेश गौड़, गोपाल छिब्बर, अंजना चड्ढा, सुरेंद्र अरोड़ा, विनोद नयन, मनोज सहगल आदि ने रामलीला के आयोजन में सहयोग प्रदान किया।
श्रीराम के अभिनय मे पवन खैरवाल, लक्ष्मण नीरज चौहान, सीता अरचित सेमवाल, हनुमान अरुण वर्मा, सुग्रीव आदित्य चावला, रावण डा.विजय, मेघनाद मुकुल गिरी, अंगद अमित पांडे, राघव तथा शिखर जौहरी आदि ने शानदार अभिनय व संवाद अदायगी से दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
