विक्की सैनी
हरिद्वार, 24 मई। महामण्डलेश्वर स्वामी सुरेश मुनि महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव समाज कल्याण के लिए समर्पित रहता है और परोपकार से ही महापुरूषों की पहचान है। भूपतवाला स्थित स्वतःमुनि उदासीन आश्रम की ओर से गरीब, असहाय दो सौ क्षेत्रवासियों को खाद्य सामग्री वितरित की गयी। स्वामी सुरेश मुनि महाराज ने कहा कि लाॅकडाउन के चलते गरीब मजदूर वर्ग के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। सूक्ष्म रूप से लाॅकडाउन में राहत मिलने के बाद भी गरीब परिवारों को भोजन नहीं मिल पा रहा है। संत समाज सदैव से ही सेवा प्रकल्पों के माध्यम से निराश्रितों की मदद करता आया है।
लाॅकडाउन में भी संपूर्ण संत समाज ने बढ़चढ़ कर भोजन व खाद्य सामग्री वितरित कर गरीबों की सहायता की है। उन्होंने कहा कि सभी को मिलजुल कर कोरोना महामारी के चलते निराश्रित परिवारों की मदद को आगे आना चाहिए। मिलजुल कर रही इस महामारी का सामना किया जा सकता है। स्वामी सुरेश मुनि महाराज ने कहा कि गरीब दीन दुखियों की मदद अवश्य करें। कोई भी व्यक्ति भूखा नही सोना चाहिए। संत महापुरूष लाॅकडाउन की अवधि में सेवा कार्यों के माध्यम से निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। आश्रम अखाड़ों में खुले रूप से भण्डारे भी पीड़ितों के लिए संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति की हरसंभव मदद की जानी चाहिए।
लाॅकडाउन की सफलता सहयोग पर ही निर्भर करती है। बाहर से आने वाले श्रमिकों की सेवा के लिए सभी को तत्परता दिखानी चाहिए। स्वामी विन्यानन्द व स्वामी रामानन्द महाराज ने कहा कि शासन प्रशासन गंभीरता से प्रयास कर रहा है। स्थानीय लोगों को भी प्रशासन को अपना सहयोग देना चाहिए। सभी को सरकार के नियमों का पालन करते हुए घरों में रहना चाहिए। केवल अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाएं। बाहर जाते समय माॅस्क अवश्य पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। सतर्कता व जागरूकता से ही कोरोना को हराया जा सकता है।