तनवीर
हरिद्वार, 27 जनवरी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार कोरोना के बहाने कुंभ को सीमित करना चाहती है। जबकि असम, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में चुनावी रैलियां रोड़ शो का आयोजन हो रहा है। उन पर किसी तरह के कोरोना प्रतिबंध लागू नहीं किए गए हैं। बैरागी कैंप स्थित श्री शंकराचार्य आश्रम में म.म.स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी से मुलाकात करने पहुंचे हरीश रावत ने कहा कि सरकार कुंभ की उपेक्षा कर रही है। स्नान पर्वो को सीमित कर दिया गया है।
कुंभ क्षेत्र का विस्तार भी नहीं किया गया। कुंभ औपचारिकता बन कर रह गया है। उन्होंने कहा कि कुंभ कार्यो का हाल भी सबके सामने है। सड़कों, पुलों, घाटों का निर्माण भी अब तक पूरा नहीं हो पाया है। कुंभ के लिए केंद्र सरकार ने पर्याप्त बजट तक जारी नहीं किया। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं पर कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के साथ आने की बाध्यता लागू की जा रही है। इसके लिए कोई दूसरा तरीका हो सकता था। हरीश रावत ने कहा कि संत सनातन परंपराओं के संरक्षक हैं। उन्होंने अपनी बात संतों के समक्ष रख दी है।
पूर्व सीएम हरीश रावत को शाॅल ओढ़ाकर व रूद्राक्ष की माला पहनाकर स्वागत करते हुए म.म.स्वामी सोमेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ सनातन संस्कृति का प्रमुख पर्व है। केंद्र व राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। सरकार व मेला प्रशासन को बैरागी कैंप क्षेत्र में बिजली, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्थाएं जल्द से जल्द पूरी करनी चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुरूषोत्तम शर्मा, श्रमिक नेता राजवीर सिंह चैहान व मनीष कर्णवाल ने बताया कि हरिद्वार आए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जूना अखाड़ा, निंरजनी अखाड़ा पहुंचकर संतों से आशीर्वाद लिया और कुंभ के लिए केंद्र द्वारा जारी एसओपी पर चर्चा की।
उन्होंने श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य म.म.स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से भी वार्ता की। इस दौरान अनुपमा रावत, संदीप गौड़, ठाकुर रतन सिंह, रविश भटीजा, धर्मेन्द्र प्रधान, सुशील राठी, नमन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।