गौ रक्षा व धर्म प्रचार को समर्पित रहा माता ललिताम्बा का समूचा जीवन: मदन कौशिक

Haridwar News
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तनवीर


श्री ललिताम्बा देवी ट्रस्ट के तत्वाधान में श्री मानव कल्याण आश्रम में संत समाज व गणमान्यजनों ने 17वीं पुण्यतिथि पर संन्यासिनी ललिताम्बा माता को दी भावभीनी श्रद्धाजंलि
हरिद्वार, 1 जनवरी। तीर्थनगरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री मानव कल्याण आश्रम हरिद्वार, बद्रीनाथ की संस्थापिका ब्रह्मलीन संन्यासिनी माता ललिताम्बा की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आश्रम के महंत स्वामी दुर्गेशानन्द सरस्वती महाराज के संचालन में रूद्राभिषेक, श्रद्धाजंलि समारोह व वार्षिक भण्डारा सम्पन्न हुआ। विद्वान ब्राह्मणों ने आचार्य डाॅ. आलोक शर्मा के आचार्यत्व में विधि-विधान से रूद्राभिषेक सम्पन्न करवाया।
श्रद्धाजंलि समारोह को सम्बोधित करते हुए पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि माता ललिताम्बा का समूचा जीवन गौ रक्षा, व धर्म प्रचार को समर्पित रहा। जहां उन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी वहीं आजादी के पश्चात गौ रक्षा के लिए कानून बनाने के लिए वह तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समक्ष डटकर खड़ी हुई। उन्होंने गौ रक्षा के लिए जेल यात्रा भी की।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी (महानिर्वाणी) व श्रीमहंत देवानन्द सरस्वती महाराज ने ब्रह्मलीन माता ललिताम्बा का स्मरण कर गौरक्षा आन्दोलन, राम जन्म भूमि आन्दोलन में उनकी अहम भूमिका को नमन करते हुए कहा कि माता ललिताम्बा त्याग, तपस्या की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने गौ संरक्षण व सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अपना जीवन समर्पित किया। उनके पश्चात स्वामी कल्याणानन्द सरस्वती व वर्तमान में स्वामी दुर्गेशानन्द सरस्वती महाराज अपने गुरूजनों के पदचिन्हों पर चलते हुए संस्था का विकास व संवर्द्धन कर रहे हैं। म.मं. स्वामी ललितानन्द व स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि मानव कल्याण आश्रम सदैव धर्म प्रचार और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित रहा है। हरिद्वार और बद्रीनाथ, अहमदाबाद में जिस प्रकार श्रद्धाभाव के साथ आश्रम में तीर्थयात्रियों की सेवा की जाती है वह सेवाप्रकल्प का अनुपम उदाहरण है। स्वामी दुर्गेशानन्द सरस्वती महाराज मानव कल्याण आश्रम के महंत के रूप में सेवा प्रकल्पों को कुशलतापूर्वक संचालित कर रहे हैं।
मानव कल्याण आश्रम के मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि शंकराचार्य स्मारक समिति, शंकराचार्य चैक की स्थापना में पूज्य माता ललिताम्बा का विशेष योगदान रहा। विषम परिस्थितियों में उन्होंने गौरक्षा हेतु प्रचण्ड आन्दोलन चलाया तथा हरिद्वार, अहमदाबाद, बद्रीनाथ स्थित मानव कल्याण आश्रमों की स्थापना में माता ललिताम्बा की प्रेरणा और योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। धार्मिक व सामाजिक कार्यों में श्री मानव कल्याण आश्रम व ललिताम्बा देवी ट्रस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि गौरक्षा आन्दोलन के माध्यम से ललिताम्बा माता ने समस्त देश में गौरक्षा की अलख जगायी थीं। गौरक्षा आन्दोलन में भाग लेते हुए उन्होंने जेलयात्रा भी की।
श्री मानव कल्याण आश्रम के महंत स्वामी दुर्गेशानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि पूज्य ललिताम्बा माता व स्वामी कल्याणानन्द सरस्वती महाराज द्वारा चलाये गये सेवा के प्रकल्पों को संस्था द्वारा निरन्तर संचालित किया जा रहा है।
श्री ललिताम्बा देवी ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष रेणुका बेन ठक्कर ने कहा कि ब्रह्मलीन माता ललिताम्बा ने जिस निडरता के साथ गौहत्या विरोधी आन्दोलन में भाग लेेते हुए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का घेराव करने का साहस दिखाया उससे तो यही साबित होता है कि माता ललिताम्बा एक धर्मरक्षक, निर्भीक संत थी। जिन्होंने निज धर्म और गौमाता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह न करते हुए आन्दोलन को धार देने का कार्य किया।

उन्होंने संत समाज के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि माता जी की 17वीं पुण्यतिथि पर संत समाज ने जो श्रद्धाभाव प्रकट किया है उसके लिए समस्त ट्रस्टी आभार प्रकट करते हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से म.मं. स्वामी आनन्द चैतन्य, स्वामी हंसानन्द, स्वामी योगेन्द्रानन्द, रविदेव शास्त्री, सुतीक्ष्ण मुनि, महंत दुर्गादास, ओमप्रकाश शास्त्री, रामानन्द गिरि, स्वामी कृष्णानन्द, स्वामी कमलानन्द, पूरण गिरि, धीरेन्द्र पुरी, अतुल सिंघल, सुरेन्द्र मिश्रा, महंत दिनेश दास, प्रशादानन्द, विनित गिरि, ब्रह्मदत्त, नितिन गिरि, अंकुर राजपूत, दिव्यम यादव, गोपी सैनी समेत अनेक संत-महंत व गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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