योग्य शिष्य ही गुरु की कीर्ति को बढ़ाते हैं-महामंडलेश्वर स्वामी कपिलमुनि

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राकेश वालिया


हरिद्वार, 9 मई। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि ने कहा कि योग्य शिष्य ही गुरु की कीर्ति को बढ़ाते हैं। प्राचीन अवधूत मंडल में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यदेव महाराज की 19वीं पुण्यतिथि पर आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद महाराज के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सत्यदेव महाराज विद्वान संत थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। गुरू के रूप में ऐसे विद्वान संत का सानिध्य भाग्यशाली व्यक्ति को मिलता है।

महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद महाराज सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें ब्रह्मलीन स्वामी सत्यदेव महाराज के सानिध्य में धर्म और अध्यात्म की शिक्षा दीक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद महाराज ने कार्यक्रम में शामिल हुए संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सत्यदेव महाराज से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं के अनुसरण और संत समाज के आशीर्वाद से गुरू परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए समाज को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देना और सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है।

नीलेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज व महंत सूरजदास ने कहा कि गुरू से प्राप्त ज्ञान और संत परंपराओं का अनुसरण करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद महाराज को समाज का मार्गदर्शन करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी योगदान करते देखना सुखद व प्रेरणादायक है। महंत दामोदर दास महाराज व स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि धर्म प्रचार में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यदेव महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

स्वामी चिदविलासानंद, महंत रघुवीर दास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत दिनेश दास, महंत गोविंददास, महंत सूरज दास, महंत बिहारी शरण, महंत गंगादास उदासीन, महंत अंकित शरण, स्वामी कृष्णदेव, महंत निर्मल दास सहित सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने ब्रहमलीन स्वामी सत्यदेव महाराज को नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान आश्रम के ट्रस्टी व बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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