राष्ट्र प्रेम सर्वाेपरि, हर परिस्थिति में राष्ट्र के साथ खड़े रहें-डा.सुलेखा डंगवाल’
हरिद्वार, 18 मई। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुरेखा डंगवाल ने नारद जयंती के अवसर पर प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्र भक्ति, ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रीय एकता पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर पत्रकारिता के प्रणेता देवर्षि नारद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सत्य और समाजहित के प्रति समर्पण को प्रेरणादायी बताया। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा, राष्ट्र प्रेम सर्वाेपरि है। हमें हर हाल में राष्ट्र के साथ खड़े रहना है।

ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है, और इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति की सराहना करती हैं। यह ऑपरेशन न केवल हमारी सैन्य शक्ति को दर्शाता है, बल्कि राष्ट्र की एकता और संकल्प को भी मजबूत करता है।”
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “जो लोग इस ऑपरेशन का विरोध करते हैं, वे राष्ट्र के हितों के खिलाफ खड़े हैं। हमें ऐसे तत्वों के प्रति सजग रहना होगा।” कुलपति ने आगे कहा कि आगामी समय और चुनौतीपूर्ण होगा, इसलिए राष्ट्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने भ्रष्टाचार से दूर रहकर आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में कुलपति ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि तुर्की को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए। भारत को तुर्की के साथ सभी व्यापारिक समझौतों और व्यापार को समाप्त करने पर विचार करना होगा।
कुलपति ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना को दोहराया और कहा हमें राष्ट्रहित में अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। प्रत्येक नागरिक को भ्रष्टाचार से मुक्त, आध्यात्मिक और समर्पित होकर इस लक्ष्य को साकार करने में योगदान देना होगा।
इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से भी अपील की कि वे देवर्षि नारद के आदर्शों का अनुसरण करते हुए सत्य, निष्पक्षता और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें। विशिष्ट अतिथि कर्नल(से.नि.) एमपी शर्मा ने कहा की युद्व के समय प्रत्येक भारतीय का सिर्फ एक ही धर्म होता है कि वह राष्ट्र धर्म निभाये। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अपने ही राष्ट्र को कमजोर करने का काम करते है। जात-धर्म के नाम पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो जाते है। उन्होंने वर्तमान काल को शीत युद्ध काल बताते हुए कहा कि जरूरी नही की प्रत्येक नागरिक देश की सीमाओं पर जाकर देश के लिए लड़े, यहां रहकर भी राष्ट्र की सेवा की जा सकती है।
महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरी महाराज ने कहा कि नारद जी का जीवन सदैव जगकल्याण के लिए समर्पित रहा है। प्रेस क्लब अध्यक्ष धर्मेद्र चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भेल के सेवानिवृत्त कार्यपालक निदेशक महेंद्र कुमार मित्तल व संचालन जिला प्रचार प्रमुख देवेश वशिष्ठ व नगर प्रचार प्रमुख अमित शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना संयोजक डा.रजनीकांत शुक्ला व अतिथियो का आभार व्यक्त समिति के अध्यक्ष डा.शिवशंकर जायसवाल ने किया।
इस अवसर पर डा.शिवशंकर जायसवाल द्वारा स्वामी विवेकानंद की अंग्रेजी कविताओं का हिंदी रूपांतर सन्यासी के गीत का विमोचन भी अतिथियो द्वारा किया गया। साथ ही देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधरित ज्ञान प्रतियोगिता के प्रतिभागी बच्चों को भी पुरुस्कृत किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संचालक डा.यतींद्र नाग्यान, प्रान्त सम्पर्क प्रमुख सीए अनिल वर्मा, प्रान्त सामाजिक सदभाव प्रमुख रमेश उपाध्याय, प्रान्त सह प्रचार प्रमुख हेमचन्द्र पांडे, प्रान्त सोशल मीडिया प्रमुख विवेक कम्बोज, विभाग प्रचार प्रमुख अनिल वर्मा, विभाग सम्पर्क प्रमुख रोहिताश कुंवर, कार्यक्रम सह संयोजक सुमित सारस्वत, मनीष सैनी, डा.अश्वनी चौहान, नेशनल यूनियन ऑफ जनर्लिस्ट्स (ई) के प्रदेशाध्यक्ष सुनील दत्त पांडेय, जिलाध्यक्ष आदेश त्यागी, प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष बृजेन्द्र हर्ष, संजय रावल, रामचन्द्र कन्नौजिया, महासचिव दीपक मिश्रा, कोष सचिव काशीराम सैनी, उपाध्यक्ष संदीप शर्मा, सचिव बालकृष्ण शास्त्री, कुलभूषण शर्मा, मनोज खन्ना, सूर्यकांत बेलवाल, शिवकुमार शर्मा, डा.राधिका नागरथ, त्रिलोक चन्द्र भट्ट, सुदेश आर्या, डा.परमिंदर सिंह, मुदित अग्रवाल, महावीर नेगी, विकास चौहान, नरेश दीवान शैली, मनोज गहतोड़ी, डा.हिमांशु द्विवेदी, दयाशंकर वर्मा, अश्वनी विश्नोई, सचिन पालीवाल, सचिन तिवारी, विक्रम छाछर, सुमित यशकल्याण, समाजसेवी पंडित अधीर कौशिक, सेवानिवृत्त डीएसपी जेपी जुयाल, जेपी बडोनी, आशीष जैन, डा.त्रिभुवन शर्मा, नेहा मालिक सहित सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति, पत्रकार, शिक्षक, अधिवक्ता, बुद्विजीवी मौजूद रहे।