निरंजनी अखाड़े में कल (आज) स्थापित की जाएगी धर्मध्वजा

Haridwar News
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अमरीश
अखाड़ों की आन बान शान की प्रतीक है धर्मध्वजा-श्रीमहंत नरेंद्र गिरी
दशनाम संयास परंपरा की बावन मढ़ीयों की प्रतीक है बावन फीट ऊंची धर्मध्वजा-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी
हरिद्वार, 26 फरवरी। कुंभ को लेकर अखाड़ों में गतिविधियां शुरू हो गयी हैं। बृहष्पतिवार को निरंजनी अखाड़े के रमता पंचों और नागा सन्यासियों ने नगर प्रवेश किया था। शनिवार को निरंजनी अखाड़े में धर्मध्वजा की स्थापना की जाएगी। धर्मध्वजा की स्थापना के साथ ही अखाड़ों में कुंभ को लेकर धार्मिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। सात सन्यासी अखाड़ों में सबसे पहले निरंजनी अखाड़े में धर्म ध्वजा की स्थापना की जाएगी।

धर्मध्वजा की स्थापना को लेकर अखाड़े में तैयारियां की जा रही हैं। अखाड़े के संत महंतों ने सेफ पार्किंग में बनायी जा रही कुंभ मेला छावनी, जहां धर्मध्वजा स्थापित की जाएगी, का निरीक्षण कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इस दौरान अपर मेला अधिकारी व मेला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
निरंजनी अखाड़े के सचिव व कुंभ मेला प्रभारी श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि कुंभ मेले के दौरान स्थापित की जानी वाली धर्मध्वजा अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है। अखाड़ों में धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद ही विधिवत रूप से कुंभ मेला शुरू होता है। धर्म ध्वजा के नीचे ही अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर द्वारा नागा सन्यासियों को संन्यास की दीक्षा दी जाती है। उन्होंने बताया कि दशनाम सन्यासी परम्परा में 52 मढ़ीयां हैं। जिसके प्रतीक के रूप में 52 फीट ऊंची धर्मध्वजा स्थापित की जाती है और उसमें 52 बंध लगाए जाते हैं। सबसे ऊपर भगवा झण्डा लगाया जाता है। निरंजनी अखाड़े की वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार धर्मध्वजा की स्थापना के समय श्रीमहंत मौजूद नहीं रहते हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का बताया कि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर, पंच परमेश्वर और संतों की मौजूदगी में धर्मध्वजा की स्थापना की जाएगी। परंपरा के अनुसार अखाड़े के श्रीमहंत इसमें सम्मिलित नहीं होंगे। धर्मध्वजा अखाड़े की आन बान और शान है। पूजन, मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित की जाने वाली धर्मध्वजा की रक्षा अखाड़े के नागा सन्यासी करते हैं। उन्होंने बताया कि धर्मध्वजा की स्थापना के दौरान सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि व संत महापुरूष मौजूद रहेंगे। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने बताया कि धर्मध्वजा की स्थापना के लिए सभी तैयारियां कर ली गयी हैं।

धर्मध्वजा की स्थापना के बाद तीन मार्च को अखाड़े के नागा सन्यासी पेशवाई के रूप में छावनी में प्रवेश करेंगे। धर्मध्वजा के नीचे ही कुंभ मेले के दौरान सभी धार्मिक क्रियाकलाप संपन्न किए जाएंगे। अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह ने बताया कि कुंभ मेले का आगाज हो गया है। अखाड़ों की पंरपरा के अनुसार धर्मध्वजा की स्थापना की जाती है। शनिवार को निरंजनी अखाड़े में धर्म ध्वजा स्थापित की जाएगी। अखाड़े की मांग के अनुसार सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। धर्म ध्वजा स्थापना कार्यक्रम में मेला प्रशासन के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे और मेले को सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना करेंगे। इस दौरान अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज सहित अखाड़े के अनेक संत मौजूद रहे।

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