पूर्व मंत्री ओमवीर तोमर की पुस्तक ‘कोरोना काल आओ पीछे लौट चलें‘ पर किया परिचर्चा का आयोजन

Haridwar News
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अमरीश


किसान नेता राकेश टिकैत भी हुए परिचर्चा में शामिल
हरिद्वार, 11 फरवरी। यूपी के पूर्व मंत्री ओमवीर तोमर की पुस्तक ‘कोरोना काल आओ पीछे लौट चलें‘ पर कनखल स्थित महिला विद्यालय में परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत, प्रसिद्ध शायर नवाज देवबंदी, गुरुकुल कांगड़ी के कुलपति डा.रूप किशोर शास्त्री, एमसीएस पब्लिक स्कूल के प्रबंधक डा.अशोक शास्त्री, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज की सचिव शिक्षाविद् डा.वीणा शास्त्री शामिल सम्मिलित हुए।

संचालन किसान नेता राहुल चौधरी ने किया। परिचर्चा को संबोधित करते हुए किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार कि गलत नीतियों के कारण किसान और मजदूरों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। देश भर के किसान अपना घर परिवार छोड़कर अपनी मांगे मनवाने के लिए 13 महीने तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन करता रहा।

लेकिन केंद्र सरकार के मुखिया को किसानों की पीड़ा दिखाई व सुनाई नहीं दी। आज देश के नौजवान, किसानों व मजदूरों को अपने आप यह देखना होगा कि हमारा विकास कौन कर सकता है। किसान मजदूर के पास अपनी सुरक्षा के लिए एक वोट का हथियार है। जिसे चला कर वह अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। कितनी पीड़ा देश के किसानों ने झेली इसका अंदाजा किसान ही लगा सकता है। देश व कुछ प्रदेशों में तानाशाही की सरकार चल रही है। सरकार की गलत नीतियों को किसान कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और तानाशाही रवैया अपनाने वाले तानाशाह यह याद कर लें कि हिंदुस्तान में जो भी रास्ता जाएगा वह किसानों के बीच से ही हो कर जाएगा। प्रसिद्ध शायर नवाज देवबंदी ने कहा वे देश के नौजवान साथियों और बहनों से चाहते हैं कि मोबाइल व फजूल की बातों में समय ना गवा कर किताबों की ओर चलें तो सामाजिक ज्ञान तो बढ़ेगा ही साथ ही देश को चलाने में एक अच्छी सोच का योगदान भी युवा पीढ़ी से मिलेगा। बोलने वालों का काम है बोलना। लड़ाने वालों का काम है लड़ाना।

उन्होंने कहा कि देशवासियों को यह समझना होगा कि हिंदू हो या मुसलमान हो सिख हो या इसाई हो हर किसी के दिल पर हिंदुस्तान लिखा हो। पूर्व मंत्री ओमवरी तोमर व डा.अशोक शास्त्री ने कहा कि कोरोना पर लिखी यह किताब पढ़कर जाना जा सकता है कि ऐसी विषम परिस्थितियों में कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। केंद्र सरकार जागरूक होती तो देश के हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन सरकार में जागरूकता ना होने के कारण देश में करोना बढ़ता रहा और हमारे देश के मंत्री विदेशों को ऑक्सीजन व जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते रहें। सरकारंे जागरूक होती तो शायद इतनी परेशानी हिंदुस्तान की जनता को ना झेलनी पड़ती।

डा.वीणा शास्त्री व राहुल चौधरी ने कहा कि सभी मिलकर ऐसी सरकार बनानी होगी जो हमारे सुख दुख को समझ सके और शिक्षा और स्वास्थ्य व रोजगार के अवसर पैदा करने में सक्षम हा।े आज शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। देश का वोटर हर बार यह सोच कर सरकार बनाता है कि शायद यह सरकार देश में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसर पैदा करेगी। लेकिन सरकार के मंत्रियों के पास सांसद व विधायकों को खरीदने के लिए पैसा रहता है। लेकिन देश में अच्छे डिग्री कॉलेज, हॉस्पिटल वह रोजगार के कारखाने खोलने के लिए उनके पास धन नहीं है। सरकारें सांसद व विधायकों की खरीद-फरोख्त तक ही सीमित होकर रह गई हैं।

इस अवसर पर प्रोफेसर प्रेरणा पांडे, प्रशांत राठी, लाल सिंह सैनी, विकास राजपूत, विराट सिंह, नरेश बालियान, उदयवीर बालियान, प्रमोद चैधरी, रकम सिंह, सुमित भाटिया, संगम शर्मा, राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

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