आत्म शांति एवं सुखी जीवन के लिए ईश्वर की भक्ति करें-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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अमरीश


हरिद्वार, 3 अप्रैल। रामनगर कालोनी स्थित श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग एवं कलयुग बीतने के बाद महाप्रलय होता है। पूरी पृथ्वी जलमग्न हो जाती है। जल के भीतर भगवान नारायण शयन कर रहे हैं। जब भगवान नारायण निंद्रा से जागते हैं चारों और जल ही जल दिखाई देता है तो भगवान नारायण के मन में एक से अनेक होने की इच्छा जागृत होती है और भगवान नारायण के संकल्प से उनकी नाभि से कमल पुष्प प्रकट होता है। कमल पुष्प के ऊपर चतुर्मुखी ब्रह्मा का प्राकट्य होता है। ब्रह्मा जी ने चारों और जल ही जल देखा।

कुछ भी दिखाई नहीं देने पर वे तपस्या करने बैठ गए। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान नारायण ने ब्रह्मा को कहा कि मैंने आपको बनाया है। आप औरों को बनाओ सृष्टि का विस्तार करो।
तब ब्रह्मा ने अपने संकल्प से सर्वप्रथम संकादिक चार ऋषियों को उत्पन्न किया। उसके बाद ब्रह्मा ने मानसिक सृष्टि करते हुए भगवान रुद्र के साथ ही साथ कर्दम इत्यादि ऋषियों को उत्पन्न किया। दक्ष एवं नारद को भी ब्रह्मा ने अपने संकल्प से उत्पन्न किया। जब सृष्टि का विस्तार नहीं हो रहा था तब ब्रह्मा ने सर्वप्रथम मनु एवं सतरूपा को उत्पन्न किया। मनु सतरूपा के द्वारा ही मनुष्यों की सृष्टि आगे बढ़ी। शास्त्री ने बताया कि मनु महाराज की आकूति, देवहूति एवं प्रसूति तीन कन्याओं का वर्णन भागवत में आता है।

सबसे बड़ी बिटिया देवहूति का विवाह कर्दम मुनि के साथ संपन्न होता है। कर्दम मुनि की नौ कन्याओं का विवाह नौ ऋषियों के साथ संपन्न होने के बाद कर्दम मुनि के यहां भगवान कपिल देव का जन्म होता है। कपिल देव ने अपनी मां देवहूति को नवधा भक्ति का ज्ञान दिया है। शास्त्री जी ने बताया जिसके अंदर भक्ति होती है। वह भक्ति के माध्यम से आत्म शांति को प्राप्त कर सुखी जीवन व्यतीत करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आत्मा की शांति के लिए एवं अपने सुखी जीवन के लिए ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए। कथा में मुख्य यजमान दीप्ति भारद्वाज, मनोज भारद्वाज, अखिलेश भारद्वाज, सुनीता भारद्वाज, बीना शर्मा, हरि नारायण शर्मा, कल्पना ठाकुर, बॉबी, कनक ठाकुर, रीना जोशी, कमलेश अरोड़ा, रोजी अरोड़ा, अनु शर्मा, रिंकू शर्मा, मोनिका विश्नोई, कल्पना शर्मा, जूही शर्मा, शिक्षा राणा, शीतल मलिक, रश्मि गोस्वामी, शिमला उपाध्याय, राजू, रिंकी भट्ट, संध्या भट्ट, विमल भट्ट, पुष्पा सेठ, मुखारी देवी सहित बड़ी संख्या श्रद्धालु मौजूद रहे।

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