श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के पीछे छिपा है रहस्य-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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ब्यूरो


हरिद्वार, 12 अगस्त। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के तत्वाधान में शिव मंदिर साईं धाम कॉलोनी दादूपुर गोविंदपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण कराते हुए बताया जो लोग भगवान श्री कृष्ण को माखन चोर या चीर चोर कहते हैं। उनको इस बात को भी समझना चाहिए कि भगवान ने माखन चोरी एवं चीर चोरी क्यों की। शास्त्री ने बताया सारे बृजवासी मथुरा जाकर दूध दही मक्खन बेच आते थे और बृजवासी बालकों को दूध दही मक्खन नहीं मिल पाता था। जिस कारण बृजवासी बालक बहुत ही ज्यादा दुबले-पतले कमजोर थे और मथुरा में कंस एवं कंस के जितने भी साथी राक्षस थे।

सब दूध दही मक्खन खा कर पहलवान हो रहे थे। भगवान श्रीकृष्ण ने योजना बनाई कि कैसे राक्षसों का बल कम हो और बृजवासी बालकों का बल ज्यादा हो। श्रीकृष्ण ने सोचा इसका एक ही उपाय है गोपिकाओ के घरों में जाकर बृजवासी बालकों को दूध दही माखन खिलाया जाए। जिससे बालकों का बल बढ़े और राक्षसों का बल घटे। उन्होंने एक-एक करके अघासुर, बकासुर, केसी, कंस ऐसे अनेकों राक्षसों का संहार किया
शास्त्री ने बताया कि इसी प्रकार से भगवान ने गोपियों के संग चीर हरण लीला की तो इसके पीछे प्रयोजन यह था कि गोपिकाएं जमुना में नग्न स्नान किया करती थी। कंस के राक्षस गोपीकाओं को छुप-छुप कर देखते थे और पकड़ कर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया करते थे। चीरहरण के माध्यम से कन्हैया ने सभी को शिक्षा दी स्नान करते समय, दान देते समय, सोते समय, चलते फिरते समय बिना वस्त्रों के नहीं रहना है। चीरहरण के पीछे प्रभु की एक ही मनसा थी राक्षसों से गोपीेकाओं की रक्षा। शास्त्री ने बताया कि कृष्ण ने जिस समय पर गोपियों के संग चीर हरण लीला की। उस समय पर कृष्ण की अवस्था 6 वर्ष की थी। 6 वर्ष का बालक किसी के वस्त्र चुरा करके क्या करेगा।

भगवान श्रीकृष्ण ने जितनी भी लीलाएं की उन सब के पीछे कुछ न कुछ रहस्य छुपा हुआ है। बाल लीलाओं का श्रवण कराते हुए शास्त्री जी ने गोवर्धन महोत्सव की कथा का भी श्रवण कराया और सभी बसंत विहार कॉलोनी वासियों ने मिलकर भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग अर्पण किया। इस अवसर पर बाला रानी गौतम, शिव मोहन गौतम, रामनिवास तिवारी, मोहित तिवारी, पंडित अनिरुद्ध जगूड़ी, कमलेश, आशा, महादेवी, अर्चना, कुसुम तिवारी, शोभा रानी, सुमन, अनु, संगीता, किरण पांडे, शिमला मिश्रा, स्वाति तिवारी, बृजेश चौधरी, सोनी सिंह, प्रतिमा, रानी ठाकुर, मनीसा, सरिता मिश्रा, संगीता, पूनम, कंचन, लवली, सरला आदि ने भागवत पूजन किया।

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