कलयुग के प्रभाव से बचाते हैं भगवान का नाम और कथा श्रवण-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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अमरीश


हरिद्वार, 26 दिसम्बर। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी रुपेन्द्र प्रकाश महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर श्रद्धालु भक्तों को कथा सुनाते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बतायाउ कि श्रीमद्भागवत महापुराण में कलयुग के अनेक दोषों का वर्णन भी मिलता है। कलयुग के दोषों के कारण संत, ब्राह्मण, भक्तों एवं गौ माता की सेवा में किसी का मन नहीं लगेगा। माता पिता एवं सास ससुर का समय-समय पर अनादर एवं अपमान होता रहेगा। देवी का स्वरूपा कन्याओं के ऊपर अत्याचार होता रहेगा।

तीर्थों में दुष्ट दुराचारी अधर्मी धीरे-धीरे बढ़ते रहेंगे। श्रीमद्भागवत कथा, राम कथा, शिव कथा इनका क्रय विक्रय होगा। जिससे जीव का कल्याण नहीं हो पाएगा। ऐसे कलयुग के अनेक दोषों का वर्णन करते हुए शास्त्री ने बताया कि कलयुग में भगवान का नाम लेने, कथा श्रवण करने से ही जीव कलयुग के प्रभाव और दोषों से बच सकता है। शास्त्री ने बताया इसलिए समय-समय पर राम कथा, भागवत कथा, शिव कथा, देवी भागवत कथा एवं पुराणों की चर्चा संत महात्माओं के सानिध्य में ब्राह्मणों द्वारा चलती रहनी चाहिए। भगवत कृपा से ही लोग बुराइयों से बच सकते हैं और अच्छाइयों की ओर प्रेरित हो सकते हैं। द्वितीय दिवस की कथा में पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने सृष्टि का वर्णन, कौरव एवं पांडवों का चरित्र श्रवण कराते हुए राजा परीक्षित के जन्म की कथा भी भक्तों को श्रवण कराई।

मुख्य यजमान विपिन बडेरा, पूनम बडेरा, विवेक बडेरा, प्रदीप बडेरा, अन्नू बडेरा, मीनू डल, पुष्पेंद्र डल, ममता पुरी, अजय कुमार शायी, सुमित शायी, गीता शायी, लक्ष्मी शायी, सपना बीज, सतीश कुमार बीज, पंडित जगदीश प्रसाद खंडूरी, पंडित गणेश कोठारी, पंडित हरीश शर्मा, पंडित विष्णु आदि ने भागवत पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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