वज्र के समान होता है तीर्थ स्थल पर किया गया पाप कर्म-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

Haridwar News
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अमरीश


हरिद्वार, 2 दिसम्बर। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में मोहल्ला मेहतान पीठ बाजार ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि तीर्थ स्थल पर किया गया पाप कर्म वज्र के समान होता है। जिसके फलस्वरूप कई जन्मों तक नरक यातना भोगनी पड़ती है। मनुष्य योनि में जन्म लेने के उपरांत मन, वाणी एवं कर्म से मनुष्य जाने अनजाने में पाप कर्म कर बैठता है।

इसकी निवृत्ति तीर्थ स्थल पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करनेे, दान पुण्य करने से हो जाती है। परंतु जो लोग तीर्थ स्थल पर भी पाप कर्म करते हैं। उनका पाप वज्र के समान कठोर हो जाता है। इसलिए तीर्थों पर ज्यादा से ज्यादा पुण्य कर्म करें, कदापि भूल से भी पाप कर्म न करें। अन्यथा नरक यातना का कड़ा दण्ड भुगतना पड़ सकता है। कथा व्यास ने कहा कि तीर्थ स्थल पर नियमों का पालन करें। भूमि पर शयन करें। स्नान आदि कर यज्ञ करें, यज्ञ के उपरांत दान पुण्य करें। ऐसा करने से ही तीर्थ यात्रा का फल मनुष्य को प्राप्त होता है।

कथा के मुख्य जजमान सुमन अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल प्रिया अग्रवाल, गौरव अग्रवाल एवं समस्त अग्रवाल परिवार ने भागवत पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद लिया।

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