कर्म के अनुसार ही मनुष्य स्वर्ग, नरक एवं सुख दुख भोगता है-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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ब्यूरो
हरिद्वार, 12 नवम्बर। अभिषेक नगर दादू बाग कनखल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन की कथा श्रवण कराते हुए कथाव्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार ही स्वर्ग, नरक सुख एवं दुख भोगता है। कर्म तीन प्रकार के होते हैं संचित कर्म, प्रारब्ध कर्म एवं क्रियमाण कर्म। संचित कर्म वह हैं, जो कर्म करने के बाद इकट्ठा हो जाता है। संचित कर्म बीज की तरह पड़ा रहता है और समय आने पर फल देता है। इसी प्रकार जो फल हम सुख एवं दुख के रूप में भोग रहे हैं। उसे प्रारब्ध कर्म कहा जाता है तथा जो वर्तमान समय पर हम कर रहे हैं।

उसे क्रियमाण कर्म कहा जाता है। यह क्रियमाण कर्म ही आगे चलकर भाग्य बनता है। शास्त्री ने बताया भीष्म पितामह जब बाणों की शैया पर पड़े हुए थे। तब भगवान श्रीकृष्ण से उन्होंने पूछा मुझे अपने सौ जन्मों का स्मरण है। मैंने कोई भी पाप कर्म नहीं किया। फिर मुझे यह बाणों की शैया क्यों मिली। तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहा भीष्म पितामाह आपको सौ जन्मों का स्मरण है। परंतु उससे पूर्व जन्म का आपको स्मरण नहीं है। उससे पूर्व आपने एक टीट्ठी नामक कीड़े को कांटा लगा कर के झाड़ियों में फेंक दिया था। उसी के परिणामस्वरूप आज आपको बाणों की शैया प्राप्त हो रही है।

यही आपका संचित कर्म है, जो प्रारब्ध के रूप में आज आपको भोगना पड़ रहा है। मनुष्य के किए गए कर्म बिना फल दिए, बिना भोगे कभी समाप्त नहीं होते हैं। मनुष्य यदि दुख भोग रहा है तो समझ लेना चाहिए कि उसका पाप कर्म नष्ट हो रहा है। यदि मनुष्य सुख भोगता है तो समझ लेना चाहिए कि उसका पुण्य कर्म समाप्त हो रहा है। सुख एवं दुख, पाप कर्म एवं पुण्य कर्म के द्वारा ही मनुष्य को प्राप्त होता है। इसलिए मनुष्य को सदा सर्वदा पुण्य कर्म करते रहना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा, देवी भागवत कथाओं का आयोजन समय-समय पर करते रहना चाहिए। इसी से ज्ञान प्राप्त होता है कि किस प्रकार से हमें कर्म करने चाहिए।

मुख्य यजमान बलबीर सिंह सैनी, योगेन्द्र कुमार मिश्रा, सतेंद्र कुमार गर्ग, सचिन गोयल, हितेश शर्मा, लनवीन शर्मा, अंकित खुराना, अजय अग्रवाल, संदीप तायल, वरेश मल्होत्रा मन्नू, विकास गर्ग, विकास गोयल, अंकित गोयल, राज्य मंत्री सुनील सैनी, पारस सैनी, अलका सैनी, राघवी सैनी, गुलशन अदलखा, शशि अदलखा, राकेश अग्रवाल, निशा गुप्ता, मधु अग्रवाल, पूनम मिश्रा, कल्पना, अंजना शर्मा, प्रतिभा अग्रवाल, शांति दर्गन, भावना गोयल, प्रेम, अंजलि अग्रवाल आदि ने भागवत पूजन किया।

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