कमल खडका
हरिद्वार, 17 जुलाई। रेलवे के निजीकरण के विरोध में सीटू कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर रेलवे स्टेशन परिसर में प्रदर्शन कर स्टेशन मास्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। इस दौरान सीटू जिला अध्यक्ष पीडी बलूनी ने कहा कि केंद्र सरकार अपना घाटा पूरा करने के लिए सार्वजनिक संस्थानों को ओने पोने दामों में उद्योगपतियों को बेच रही है। निजीकरण नीति के तहत केंद्र सरकार 109 रेल गाड़ियों का संचालन निजी क्षेत्र को सौंपने जा रही है। इसके पहले केंद्र सरकार रेलवे में बिजली, सिग्नल, रोलिंग, निर्माण व मरम्मत से संबंधित कार्यो में सौ फीसदी विदेशी पूंजी निवेश को हरी झण्डी दिखा चुकी है।
उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण केवल रेल कर्मचारियों से संबंधित नहीं है। बल्कि इस फैसले का पूरे देश पर दूरगामी असर होगा। आम नागरिकों व गरीब मजदूर वर्ग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। आरपी जखमोला ने कहा कि न्यूजीलैण्ड, इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया, अर्जेंटिना आदि कई देशों में रेलवे के निजीकरण के दुष्प्रभावों के चलते जनता के दबाव में सरकारों को पुनः रेलवे का राष्ट्रीयकरण करना पड़ा। केंद्र सरकार को रेलवे के निजीकरण के फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। प्रदर्शन करने वालों मं इमरत सिंह, एमपी जखमोला, अशोक चौधरी, आरसी धीमान, वीरेंद्र सिंह, डीपी रतूड़ी, उदयवीर सिंह, कय्यूम खान, हरीशचंद्र, राजकुमार, अनिल कुमार, आजाद, नवीन, धर्मपाल, रविन्द्र, राजीव कुमार, मक्कू राम आदि शामिल रहे।