अमरीश
हरिद्वार, 12 जून। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र तेश्वर व प्रदेश महामंत्री राजेंद्र श्रमिक ने सरकार से हरिद्वार में होने वाले स्नान पर्वो व मेलों के लिए अलग से सफाई कर्मियों की भर्ती करने की मांग की है। सुरेंद्र तेश्वर ने कहा कि सफाई व्यवस्था को लेकर आए दिन राजनीति दलों व व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों की और से नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाए रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफाई मजदूर कांग्रेस इस विरोध से इत्तेफाक नहीं रखती है।
सीमित संसाधनों व कर्मचारियों की संख्या कम होने के बावाजूद नगर की सफाई की जा रही है। सोमवती अमावस्या के स्नान पर चैतीस लाख यात्री स्नान के लिए हरिद्वार आए। सरकारी मानको के अनुसार भीड़ के लिए छह हजार आठ सौ सफाई कर्मियों की आवश्यकता थी। लेकिन कंपनियों की लेबर व निगम कर्मियों के कर्मचारियों को मिला कर लगभग आठ सौ कर्मचारियों ने निगम क्षेत्र के साथ साथ शहर के साथ हरकी पैड़ी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को संभाला।
इसके बाद निर्जला एकादशी पर गंगा स्नान के लिए आए चौबीस लाख यात्रीयों द्वारा की गई गंदगी की साफ सफाई के लिए चार हजार आठ सौ सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता थी। लेकिन उस गंदगी को भी लगभग आठ सौ सफाई कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत से साफ किया। नगर निगम प्रशासन द्वारा कर्मचारियों का अवकाश रोक कर सफाई करायी गयी। इसलिए एकतरफा विरोध गलत है।
दुख की बात है कि सत्ताधारी दल के नेता भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध कर रहे नेताओं को हरिद्वार में आए दिन होने वाले लक्खी मेलों पर सफाई व्यवस्था के लिए सरकार से अलग से सफाई कर्मचारियों की भर्ती करानी चाहिए। नगर निगम में कार्यरत स्थाई व संविदा कर्मचारियों की मृत्यु व सेवानिवृति पर उनके स्थान पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नही जा रही है।
इस पर न तो नगर निगम बोर्ड का ध्यान जा रहा है, न ही सत्ता पक्ष का। नगर निगम के अधिकारी अपनी मर्जी से कोई भर्ती नही कर सकते। सरकार का आदेश है कि यदि कोई अधिकारी भर्ती करेगा तो कर्मचारी का वेतन नियुक्ति अधिकारी को देना होगा। सुरेंद्र तेश्वर व राजेंद्र श्रमिक ने अपील करते हुए कहा कि बोर्ड द्वारा पूर्व में छह सौ सफाई कर्मचारियों की भर्ती का प्रस्ताव पास किया गया है। उसके लिए शासन से बजट मंजूर कराया जाए। जिससे परेशानी दूर हो सके।