गौरव रसिक
हरिद्वार, 5 अप्रैल। समाजसेवी समीर राणा ने कहा है कि रमजान रहमतों और बरकतों का महीना है। उन्होंने कहा कि रब अपने बंदे को माहे रमजान में एक नेकी के बदले सत्तर नेकियों का सवाब देता है। रोजेदार को अनावश्यक बातों से किनारा करना चाहिए। रोजा आंख, नाक, कान, जुबान पूरे शरीर का होता है। रोजे की हालत में अधिक से अधिक इबादत करें। पांचों वक्त की नमाज पढ़ मखलूक की खुशहाली के लिए दुआएं मांगे।
समीर राणा ने कहा कि माहे रमजान गरीबों मिसकिनों की मदद करने का महीना है। जरूरतमंदों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रोजेदार को अपने फर्ज को पूरा करना चाहिए। बुराईयों से तौबा करें। नेकी करते रहें। अपनी जुबान से किसी के लिए भी गलत शब्द ना निकालें। तरावीह की नमाज को भी फर्ज रोजेदार को अता करनी चाहिए। कलाम पाक की तिलावत अधिक से अधिक करें। इंसानियत का पैगाम देते रहें। इस माह में जितनी भी इबादत करोगे। उसका अवश्य ही लाभ बंदे को मिलता है।