तनवीर
हरिद्वार, 15 जुलाई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए संशोधनों को श्रमिक विरोधी बताते हुए मुख्यमंत्री का पत्र लिखकर श्रम संगठनों की राय लेने की मांग की है। पत्र में अम्बरीष कुमार ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए उद्योगपतियों से बात करते हुए कहा था कि प्रदेश में कारखानों को गति देना चाहते हैं। इससे पूर्व सरकार ने काम के घंटों में 8 से 12 घंटे की वृद्धि कर दी है।
जो पूर्णतः श्रम कानून का उल्लंघन और मजदूर के संघर्ष का अपमान है। लंबे संघर्ष व कई बलिदानों के बाद श्रमिकों को 8 घंटे का अधिकार मिला था। इसी प्रकार हायर एंड फायर जो मर्जी आए की नीति के अंतर्गत किसी भी श्रमिक को रखा जा सकता है और जब इच्छा हो नौकरी से निकाला जा सकता है। जबकि भिन्न उच्च न्यायालयो द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि स्थाई काम के लिए अस्थाई कर्मकार की नियुक्ति नहीं कि जा सकती है। श्रम सुधारों पर अंतिम निर्णय से पूर्व सरकार को श्रम संगठनों से सुझाव लेने चाहिए और एक समिति बनाकर आख्या ली जानी चाहिए थी कि पूरी क्षमता के साथ कर्मकार अधिकतम कितने समय काम कर सकते हैं। जिससे उनके स्वास्थ्य और क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। संविधान में समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था की गयी है।
हाल में ही सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस संबंध में अपना निर्णय सुनाया है। कर्मकारो को न्यूनतम वेतन नहीं अपितु निर्वाह मजदूरी दी जानी चाहिए। जिससे कर्मकार संविधान प्रदत अधिकार जिसमें शिष्ट जीवन स्तर और अवकाश का संपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने वाली दशाएं तथा सामाजिक व सांस्कृतिक अवसर प्राप्त करने का प्रयास करेगा।