अमरीश
विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक-हरबीर सिंह
वृक्षों के बिना मानव जीवन असम्भव-डा.बत्रा
हरिद्वार, 15 जुलाई। हरेला के अवसर पर एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज में वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ अपर मेला अधिकारी सरदार हरबीर सिंह, काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त लखन गिरि महाराज, सचिव श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी महाराज, श्रीमहन्त डोंगर गिरि महाराज, दिगम्बर रघुवन महाराज व काॅलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा द्वारा नीम, पीपल, बिल्व, अमलतास आदि छायादार पौधे रोपित कर पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों में योगदान देने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त लखन गिरि महाराज ने कहा कि वृक्षों का मानव जीवन में बहुत अधिक महत्व है। वृक्षों का अस्तित्व हमारे जीवन और जीवनशैली दोनों से जुड़ा है। प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ीबूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। अपर मेलाधिकारी सरदार हरबीर सिंह ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि पौधारोपण द्वारा ही जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक है।
उन्होंने सभी से एक वृक्ष रोपित करने एवं वर्षभर उसकी देखभाल करने का आह्वान किया। कहा कि वृक्ष अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं का निवास स्थान, वातावरण में प्राण वायु आॅक्सीजन की मात्रा सन्तुलित करने, मानव जीवन को विभिन्न संसाधनों से परिपूर्ण करने तथा मिट्टी एवं स्थल का अपरदन रोकने जैसी गतिविधियों के लिए वृक्ष के अतिरिक्त हमारा कोई दूसरा साथी नहीं हो सकता। प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि धरती पर हमारे सबसे नजदीकी मित्र वृक्ष हैं। जब आप वृक्ष काटते हैं तो समझिए आप अपनी जीवन शक्ति पर प्रहार कर रहे हैं और अपनी ही परेशानियों को बढ़ा रहे हैं।
यदि हम पौधों को उगायेंगे तो वे हमें आगे बढ़ायेंगे जो मानव कल्याण के लिए बहुत जरूरी है। डा.बत्रा ने कहा कि हमें वृक्षों के महत्व को समझना होगा। ऋषि-मुनियों ने भी वृक्षों को सूर्य, चन्द्रमा, गंगा की तरह पवित्र मानकर इसकी पूजा करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष जितनी आक्सीजन अपने पूरे जीवन में देता है। वह कई व्यक्तियों को जीवन दे सकता है। अतः वृक्ष लगाना व उनका संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। क्योंकि वृक्षों के बिना मानव जीवन असम्भव है। कोरोनावायरस काल में आक्सीजन का महत्व समझ में आ रहा है। प्राण वायु के कम होते ही यह वायरस अधिक विकराल रूप ले लेता है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण अधिकारी डा.संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ीबूटियाँ दी हैं। जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। वृक्ष हमें फलों के रूप में भोजन, अनाज व जड़ीबूटी के रूप में दवायें देते हैं। प्रकृति के रूप में वृक्ष हमारा पालन-पोषण व स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं। परन्तु विकास की अंधी दौड़ में हम अनायास ही वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाकर अपने जीवन पर ही प्रहार कर रहे हैं। डा.माहेश्वरी ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए सम्पूर्ण भारत में हरेला पर्व मनाया जाना चाहिए।
मुख्य अनुशासन अधिकारी डा.सरस्वती पाठक ने कहा कि वृक्ष रहेंगे तो मानव जीवन रहेगा। वृक्ष हमें आक्सीजन के रूप में प्राण वायु प्रदान करते हैं। पोधै कार्बन-डाई-आक्साईड ग्रहण करके वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए प्राकृतिक प्यूरीफायर का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण ही भगवान शिव की सच्ची आराधना है। प्रकृति हमारी माँ है और उसके बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। यदि हम उसके विरूद्ध जायेंगे और अपने लालच की पूर्ति के लिए उसके ससांधनों का अंधाधुंध दोहन करेंगे तो हम अपने विनाश को निमंत्रण देंगे। इस अवसर पर डा.नरेश कुमार गर्ग, डा.मन मोहन गुप्ता, डा.तेजवीर सिंह तोमर, डा.नलिनी जैन, डा.जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डा.सुषमा नयाल, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द पाण्डेय, कार्यालय स्टाफ आदि उपस्थित रहे।