शिवजी के वस्त्र और आभूषण है भस्म-स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती

Dharm
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ब्यूरो


जिला कारागार में शिव महापुराण कथा का आयोजन
हरिद्वार, 19 जुलाई। श्री अखंड परशुराम अखाड़ की और से पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में जिला कारगर रोशनाबाद में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के आठवे दिन कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने भस्म की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि भस्म औघड़दानी शिव का सबसे प्रिय पदार्थ है। भस्म शिवजी के वस्त्र और आभूषण जैसे हैं। भस्म का महत्व इसी से स्पष्ट हो जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु और अन्य सभी देवता, उपदेवता, योगी, सिद्ध, नाग आदि इसे धारण करते हैं। शिव पुराण के अनुसार भस्म धारण करने मात्र से ही सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है। जो मनुष्य पवित्रतापूर्वक भस्म धारण करता है और शिवजी का गुणगान करता है, उसे दोनों लोकों में आनंद मिलता है।

स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि शिव पुराण में नारद को भस्म की महिमा बताते हुए ब्रह्मा कहते हैं कि यह सभी प्रकार के शुभ फल देने वाली है। जो मनुष्य इसे अपने शरीर पर लगाता है, उसके सभी दुख व शोक नष्ट हो जाते हैं। भस्म शारीरिक और आत्मिक बल को बढ़ा कर मृत्यु के समय भी अत्यंत आनंद प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि जो भस्म वेद की रीति से धारण की जाती है, उसे श्रौत कहते हैं। जो स्मृति या पुराणों की रीति से धारण की जाती है, वह स्मार्त है। जो भस्म होम यज्ञ के द्वारा उत्पन्न होती है। वही भस्म धारण करनी चाहिए। जो मनुष्य नित्य भस्म धारण करता है। उसके निकट कभी भी यम के दूत नहीं आते हैं। वह शिव लोक का अधिकारी हो जाता है।

श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने बताया कि सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर हैं। यह पूरा जगत शिव स्वरूप है। इसलिए जाति का भेद छोड़ कर सभी में शिव तत्व का दर्शन कर प्रेम भाव के साथ रहना चाहिए। जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कहा कि कारागार में हर धर्म का व्यक्ति आता है। परंतु यहां सभी एक होकर प्रेम के साथ रहते हैं। यह सत्संग का लाभ है। इस अवसर पर पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, डा.राकेश चंद्र गैरोला, अभिषेक अहलूवालिया, चंद्रकांत शर्मा, अंजित कुमार, कुलदीप शर्मा, मनोज ठाकुर, बृजमोहन शर्मा, सत्यम शर्मा, जलज कौशिक, पंडित विष्णु शास्त्री, पंडित संजय शास्त्री आदि ने शिव महापुराण का पूजन कर कथाव्यास से आशीर्वाद लिया।

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