अमरीश
हरिद्वार, 9 नवम्बर। कनखल राज घाट स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के संस्थापक भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को भागवत महात्म्य की कथा श्रवण कराते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण में 12 स्कंध, 335 अध्याय एवं 18000 श्लोक हैं।
कथा व्यास ने बताया भागवत जी ने अपनी महिमा अपने आप नहीं बताई। क्योंकि कोई अपनी प्रशंसा अपने मुख से करें तो किसी को भी अच्छा नहीं लगता है, यदि दूसरा कोई प्रशंसा करता है तो सबको अच्छा लगता है। पद्मपुराण ने छठे अध्याय में भागवत महिमा का वर्णन करते हुए बताया है कि सर्वप्रथम देव ऋषि नारद ने भक्ति ज्ञान वैराग्य के निमित्त श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हरिद्वार में किया था।
नारद अनेक लोकों का भ्रमण करते हुए जब पृथ्वी लोक में आए और समस्त तीर्थों का भ्रमण किया। उन्होंने देखा कि कहीं भी सुख शांति नहीं है। सभी अपने कर्मों के फलस्वरूप दुखी हैं। नारद वृंदावन पहुंचे तो वृंदावन में भक्ति ज्ञान वैराग्य को दुखी देखा। इनके दुख दूर करने के लिए नारद ने वेद वेदांत गीता का पाठ किया। परंतु भक्ति ज्ञान वैराग्य का दुख दूर नहीं हुआ। इतने में आकाशवाणी हुई कि नारद भक्ति ज्ञान वैराग्य का दुख दूर करना चाहते हो तो सत्कर्म करो। देव ऋषि नारद ने सभी से पूछा सत्कर्म क्या है। कोई भी नहीं बता पाया। देवर्षि नारद सीधा बद्रिका आश्रम के लिए चल पड़े।
जब बद्रीनाथ पहुंचे तो सनक, सानंदन, सनातन, सनत कुमार मिल गए। इन्होंने देवर्षि नारद को बताया श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा को ही सत्कर्म कहा जाता है। आप हरिद्वार में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करो। देव ऋषि नारद हरिद्वार आए और हरिद्वार में दिव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा के प्रभाव से भक्ति ज्ञान वैराग्य का दुख दूर हो गया और भक्तों के हृदय में इनका निवास स्थान बन गया। वहीं पर भगवान नारायण प्रकट हुए और कहा कि आज से जहां भी श्रीमद्भागवत कथा होगी। मैं वहां पहुंच कर के भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करूंगा। कथा व्यास ने बताया तभी से जगह जगह पर भक्ति ज्ञान वैराग्य की प्राप्ति के लिए एवं भगवान की कृपा प्राप्ति के लिए मनुष्य श्रीमद्भागवत कथाओं का आयोजन करते हैं।
सर्वजन कल्याण के लिए राधा कृष्ण मंदिर में आयोजित की जा रही भागवत कथा में मुख्य यजमान विश्नोई समाज के महामंत्री योगेश कुमार विश्नोई, ओम एसोसिएट के अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल, समाज सेवी प्रशांत शर्मा, समाजसेवी कुलदीप वालिया, समाजसेवी निखिल बेनीवाल, राघव विश्नोई द्वारा भागवत पूजन संपन्न कराया गया।