कमल खडका
हरिद्वार, 20 जुलाई। कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के चलते सोमवती अमावस्या पर भी हरकी पैड़ी सहित तमाम घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। सीमाएं सील होने व पुलिस के कड़े पहरे के चलते श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार नहीं पहुंच पाए। लक्खी स्नान पर्वो में शामिल सोमवती अमावस्या स्नान पर हमेशा ही लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं।
लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के चलते कांवड़ मेला स्थगित करने के बाद सोमवती अमावस्या स्नान पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। स्नान पर्व पर भीड़ जुटने से कोरोना वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए सीमाएं सील रखी गयी।
विभिन्न राज्यों से गंगा स्नान के लिए हरिद्वार आ रहे श्रद्धालुओं को सीमाओं से ही वापस लौटा दिया गया। सोमवार को अस्थि विसर्जन व दूसरे कर्मकाण्ड पर भी पूरी तरह रोक रही। स्थानीय लोगों को भी हरकी पैड़ी जाने की अनुमति नहीं दी गयी। बैरिकेडिंग कर हरकी पैड़ी जाने वाले रास्तों को सील किया गया था। सोमवती अमावस्या जैसे लक्खी स्नान पर्व पर हरकी पैड़ी समेत सभी घाट सूने रहे। स्नान पर प्रतिबंध से व्यापारी भी पूरी तरह निराश दिखाई दिए। गौरतलब है कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या स्नान कहा जाता है। धार्मिक मान्यतों के अनुसार सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।
इन्हीं धार्मिक मान्यताओं के चलते उत्तर भारत के सभी राज्यों से लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। लाखों श्रद्धालुओं के आने से हरिद्वार में जमकर कारोबार होता है। जिससे सरकार को भी भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन कोरोना के प्रकोप के चलते इस बार सोमवती अमावस्या जैसे बड़े स्नान पर हरिद्वार के गंगा घाट सूने रहे। सीओ पूर्णिमा गर्ग ने बताया कि कोविड 19 के चलते सोमवती अमावस्या का स्नान स्थगित कर दिया गया है।
हरकी पैड़ी पर स्नान करने पर पूर्ण रूप प्रतिबंध है। कोरोना ना फैले इसके लिए सभी जागरूक रहें और सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियमों का पालन करें। सोमवती अमावस्या स्नान के महत्व के विषय में पंडित अमित शास्त्री ने बताया कि सोमवती अमावस्या को सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन मौन व्रत रखने से हजारों गोदान का फल प्राप्त होता है।