बैकुण्ठधाम पोइया घाट पर आयोजित हुआ रविवारीय बहुआयामी निशुल्क चिकित्सा शिविर

Uttarakhand
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ब्यूरो

रविवार सुबह सरसों की निराई का कार्य बहादुर पुर में किया गया। प्रातः 3 बजे से भाई बहन व छात्र छात्राएं खेतों के कार्य के लिए पहुँचने लगे। खेतों में उपस्थित प्रत्येक जन को एक कप गर्म मीठा दूध, चाय, रस्क तथा केले का परशाद वितरित किया गया।
प्रातः 3ः45 पर खेतों पर ही सतसंग प्रारम्भ हुआ। सतसंग के पश्चात् रविवार को होने वाले विद्यार्थियों के सतसंग में दयालबाग़ के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने 4 शब्द पाठ किये। प्रत्येक रविवार की तरह आज वैकुण्ठधाम पोइयाघाट पर ग्रामीणों के लिए विशेष चिकित्सा कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रकार की चिकित्सिय सुविधाएं स्त्रीरोग, दन्त रोग, नाक कान गला रोग, बाल रोग, सामान्य चिकित्सा इत्यादि निःशुल्क प्रदान की गई। साथ ही आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक पद्धिति द्वारा चिकित्सा भी उपल्बद्ध थी। कैम्प में 156 लोगों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया।
चिकित्सा सुविधाओं के अतिरिक्त कैम्प में ग्रामीण बच्चों के लिए मनोरंजन के साधन तथा ज्ञानवर्धन के भी कई स्टॉल लगाये गये।
होल इन द वाल 39,
बाल मनोविनाद केन्द्र में 9
स्पोकन इंगलिश में 19 बच्चों ने भाग लिया।

कैम्प में बच्चों को निःशुल्क अल्पाहार भी उपल्बध कराया गया। परम पूज्य हुज़्ाूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब प्रातः सतसंग के पश्चात् म.रिक्शा से भ्रमण के लिए निकले वहीं सभी भाई, बहनों एवं बच्चों को पी॰टी॰ के लिए पी॰टी॰ ग्राउण्ड पर एकत्रित होने को कहा गया। सामुहिक पी॰टी॰ के पश्चात् जो भाई बहन व बच्चे एैच्छिक रूप से वैकुण्ठधाम पोइयाघाट जाना चाहते थे उनको वहाँ पहुँचने का आदेश हुआ।

परम पूज्य हुज़्ाूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब ने पैदल भ्रमण करते हुए भण्डारघर आदि का निरिक्षण किया।
तत्पश्चात् परम पूज्य हुज़्ाूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब एवं आदरणीय रानी साहिबा वैकुण्ठधाम पधारे वहाँ सन्तसुपरमैन स्कीम के बच्चों द्वारा बहुत ही रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सभी उपस्थितजनों को विशेष परशाद प्रदान किया गया। तत्पश्चात् सभी भाई बहन व विद्यार्थियों ने अनुपम उपवन में भ्रमण करते हुए वहाँ की हरियाली का आनन्द लिया तथा कियोस्क का जलपान किया।
अन्त में सभी उपस्थित बच्चे, भाई, बहन, छात्र-छात्राएं मार्च पास्ट के लिए पंक्ति बद्ध हो गए। परम पूज्य हुज़्ाूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब सतसंगी साहब ई-रिक्शा में भ्रमण करते हुए अपनी रुहानी दृष्टि से सबको धन्य करते गए। तत्पश्चात् सभी ने अपने अपने घरों के लिए प्रस्थान किया।
सांय बहादुरपुर में सरसों की निराई का कार्य प्रारम्भ हो गया। बहुत संख्या में भाई बहन 3 बजे से खेतों में पहुँचने शुरू हो गए। परम पूज्य हुज़्ाूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब व आदरणीय रानी साहिबा भी खेतों में पधारे। 3ः45 पर सांय का सतसंग प्रारम्भ हो गया जोकि विश्व भर में सतसंग के लगभग 500 से अधिक केन्द्रों पर प्रसारित किया गया।

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