राकेश वालिया
हरिद्वार, 25 जुलाई। श्री त्रिपुरा योग आश्रम ट्रस्ट के संस्थापक परम् गौ भक्त ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज की छठी पुण्य तिथि त्रिपुरा योग आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी शारदानंद गिरि महाराज की प्रेरणा से त्रिपुरा योग आश्रम कनखल में स्वामी शरद पुरी महाराज के सानिध्य और गंगोत्री धाम से पधारे स्वामी नरसिंह तीर्थ महाराज की गरिमामय उपस्थिति में श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आचार्य चिंतामणि के आचार्यत्व में विप्रजनो ने यज्ञ, हवन, रूद्राभिषेक अनुष्ठान सम्पन्न करवाए।
संतजनो, भक्तजनो ने श्रीविग्रह पूजन अर्चन कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर स्वामी शरद पुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज सरलता और करूणा की प्रतिमूर्ति थे। उनका सारा जीवन गौवंश के संरक्षण और संवर्धन में व्यतीत हुआ। उन्होने सनातन हिन्दू धर्म और संस्कृति का देश विदेश में प्रचार प्रसार किया। स्वामी नरसिंह तीर्थ महाराज ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज परम गौ भक्त थे। देश में अगर साहीवाल नस्ल की गाय का अस्तित्व बचा हैं तो इसका श्रेय ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज को जाता हैं।
डा.स्वामी केशवानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी अमलानन्द महाराज ने सदा गरीब व असहाय व्यक्तियों की मदद की और कन्याओं में वह मां का स्वरूप देखते थे। इसीलिए कई कन्याओं की शादी में मदद करना उनके जीवन का उद्देश्य था। वह एक महान आत्मा थे। लाॅकडाउन के चलते त्रिपुरा योग आश्रम में संक्षिप्त रूप से श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। श्रद्धांजलि देने वालों में स्वामी सत्यमपुरी, स्वामी आस्था पुरी, स्वामी नित्यपुरी, स्वामी आज्ञानन्द पुरी, संत मुनि बाबा, स्वामी संतमुनि, विनीत मिश्रा, पुनीत श्रीवास्तव, अर्पण शर्मा आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की दूसरी ओर वारणसी में वेदनिधी वैदिक हेरिटिज रिसर्चर फाउंडेशन के तत्वावधान में स्वामी शारदा नंद गिरि महाराज के सानिध्य में, दिल्ली में नवयोग दीप संस्थान मे अशोक राणा, पुणे में राजेन्द्र प्रताप सिंह, लक्ष्मी राजन सिंह सहित देश विदेश में बसे ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज के शिष्यो ने श्रद्धांजलि समारोह आयोजित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। त्रिपुरा योग आश्रम में स्वामी अमलानंद गिरि महाराज की शिष्या सोमा नायर, शशि नायर, हरीश शर्मा, संजय वर्मा आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की।