मकर संक्रांति पर स्नान दान का मिलता है करोड़ों गुणा पुण्य फल-स्वामी कैलाशानंद गिरी

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राकेश वालिया


हरिद्वार, 13 जनवरी। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर एवं श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी को मकर संक्रांति पर्व की बधाई देते हुए कहा कि मकर संक्रांति भारतीय सस्ंकृति का बड़ा पर्व है। मकर संक्रांति को सूर्य उत्तरायण होते हैं। इस दिन स्नान, दान, जप, तप, चिंतन, स्वाध्याय का बेहद महत्व है। मकर संक्राति पर गंगा स्नान कर सूर्य को अध्र्य देने से प्रतिकूल ग्रह अनुकुल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति और सूर्य के उत्तरायण होने के महत्व को इससे भी समझा जा सकता है कि महाभारत काल में बाणों की शैय्या पर पड़े भीष्म पितामह ने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण होने तक इंतजार किया और सूर्य के उत्तरायण होने पर ही प्राण त्यागे।

उन्होंने कहा कि इस दिन गंगा स्नान कर दान पुण्य करने से सहस्त्र गुणा पुण्य फल की प्राप्ति होती है। कष्टों का निवारण होता है। परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। जोशीमठ आपदा पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण आयी आपदा चिंताजनक है। मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार आपदा प्रभावितों की मदद के लिए सभी संभव कदम उठा रही है। जोशीमठ वासी किसी बात की चिंता ना करें। पूरा देश और प्रदेश तथा समस्त सनातनी उनके साथ है। जोशीमठ आपदा को लेकर किसी भी तरह की राजनीति ना की जाए। सभी को मिलकर प्रभावितों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रभावितों को मदद भेजी गयी है।
जोशीमठ आपदा के प्रभावितों की मदद कर रहा है जिला प्रशासन-मुकेश पाल
जिलापूर्ति अधिकारी मुकेश पाल ने बताया कि जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के निर्देशन में जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक एक हजार फूड पैकेट प्रभावितों की मदद के लिए भेजे गए हैं। स्वामी कैलाशनंद गिरी के सहयोग से पांच सौ फूड पैकेट भेजे गए हैं। आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आश्रम अखाड़ों से सहयोग के लिए निंरतर संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने सभी से आपदा प्रभावितों की मदद के लिए सहयोग करने की अपील भी की।

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